भारत के एक्शन से बैकफूट पर बांग्लादेश (फोटो- सोशल मीडिया)
लंदन: भारत और बांग्लादेश केबीच रिश्ते कुछ समय से तनावपूर्ण चल रहे थे। लेकिन अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस भारत के साथ तनाव को लेकर पीछे हटते नजर आ रहे हैं। यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती रही, लेकिन ‘हमेशा कुछ न कुछ गलत हो जाता है।’
यूनुस ने बुधवार को लंदन में ‘चाथम हाउस’ थिंक टैंक के निदेशक ब्रोनवेन मैडॉक्स के साथ बातचीत में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों और देश के लिए लोकतांत्रिक रोडमैप सहित कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ तनाव कम करने की मंशा जाहिर की।
यूनुस ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए भारत को जारी किए गए एक अनौपचारिक राजनयिक नोट के बारे में जानकारी देते हुए कहा, यह जारी रहेगा। हम चाहते हैं कि पूरी प्रक्रिया बहुत कानूनी, बहुत उचित हो। हम भारत के साथ बेहतरीन संबंध बनाना चाहते हैं। यह हमारा पड़ोसी है, हम नहीं चाहते कि उनके साथ किसी भी तरह की बुनियादी समस्या हो।
उन्होंने कहा, लेकिन भारतीय प्रेस से आने वाली सभी फर्जी खबरों के कारण हर बार चीजें गलत हो जाती हैं और कई लोग कहते हैं कि इसका संबंध शीर्ष पर बैठे नीति निर्माताओं से है। यूनुस ने कहा, ‘‘तो, यही बात बांग्लादेश को बहुत बेचैन और बहुत नाराज करती है। हम इस गुस्से से उबरने की कोशिश करते हैं, लेकिन साइबरस्पेस में बहुत सी चीजें होती रहती हैं। हम इससे बच नहीं सकते। अचानक वे कुछ कहते हैं, कुछ करते हैं, फिर से गुस्सा आ जाता है। उन्होंने कहा, हमारे लिए यह बड़ा काम है कि हम कम से कम एक शांतिपूर्ण जीवन जी सकें। ऐसा जीवन जिसका हम सपना देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, जब मुझे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करने का मौका मिला, तो मैंने बस इतना कहा, आप उनकी मेजबानी करना चाहते हैं, मैं आपको उस नीति को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। लेकिन यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करें कि वह बांग्लादेशी लोगों से उस तरह बात न करें जिस तरह वह ऑनलाइन कर रही हैं। वह इस तरह तारीख, इस तरह समय की घोषणा करती हैं कि वह बोलेंगी और पूरा बांग्लादेश बहुत गुस्सा हो जाता है।
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हसीना के निष्कासन के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंधों में तनाव आ गया। इसके बाद भारत ने बांग्लादेश के लिए अपनी जमीनी सीमा को बंद कर दिया था। इससे बांग्लादेश को अरबों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।