बच्चों का सोशल मीडिया बंद, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Malaysia Social Media Ban News: मलेशिया अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने वाला एशिया के शुरुआती देशों में शामिल हो गया है। कम्युनिकेशन मिनिस्टर फहमी फदजिल ने रविवार को घोषणा की कि कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि यह कदम बच्चों को साइबरबुलिंग, ऑनलाइन स्कैम, यौन शोषण और अन्य डिजिटल जोखिमों से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सरकार ने बताया कि सोशल मीडिया यूजर्स की उम्र की जांच के लिए आई कार्ड या पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, फहमी फदजिल ने अभी तक इसकी सटीक तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन इतना साफ कर दिया है कि नया नियम 2025 से लागू होगा। मंत्री ने कहा कि अगर सरकार, रेगुलेटरी बॉडीज और माता-पिता अपनी भूमिका सही तरीके से निभाएं, तो मलेशिया को तेज और सस्ते इंटरनेट के साथ-साथ एक सुरक्षित डिजिटल स्पेस के रूप में विकसित किया जा सकता है।
मलेशिया में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पहले से ही सख्ती बढ़ा दी गई है। जनवरी 2024 से 80 लाख से अधिक यूजर्स वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। लाइसेंस प्राप्त प्लेटफॉर्म्स को एज वेरिफिकेशन, कंटेंट सेफ्टी और पारदर्शिता से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया बैन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है। यह बैन 10 दिसंबर से लागू हो रहा है। इसके साथ ही सरकार ने TikTok, Facebook, YouTube, Instagram, X जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भारी जुर्माने का प्रस्ताव रखा है। यदि कंपनियां नाबालिगों को अकाउंट बनाने से रोकने में असफल रहती हैं, तो उन पर 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (करीब 33 मिलियन USD) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के इस कदम को कई देश बारीकी से देख रहे हैं। डेनमार्क ने हाल ही में संकेत दिया है कि वह 15 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध की योजना पर काम कर रहा है। हालांकि, यह कैसे लागू होगा, इसकी प्रक्रिया अभी स्पष्ट नहीं है।
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वहीं, नॉर्वे भी एक नया कानून लाने की तैयारी कर रहा है। इसमें सोशल मीडिया के लिए न्यूनतम आयु सीमा 15 वर्ष तय की जाएगी। कुल मिलाकर दुनिया भर के देश बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए सख्त डिजिटल नीतियों की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।