Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Independence Day |
  • Parliament Session |
  • Weather Update |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

मकसद नहीं भूलना…सामाजिक फ्रंट की आड़ में चल रहा आतंक का खेल, जानें कैसे ऑपरेट होते हैं लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन

आतंकवादी हाफिज मोहम्मद सईद ने लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना की थी अब उसका बेटा तल्हा सईद जो धीरे-धीरे उसके नक्शेकदम पर चल रहा है। इसमें कई ऐसे खुंखार आतंकी है जो दुनिया में तबाही मचाने के मंसूबे रखते हैं।

  • By आकाश मसने
Updated On: May 05, 2025 | 06:03 AM

आतंकी हाफिस सईद (डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: पहलगाम हमले के बाद एक नई बहस शुरू हो गई है। आतंकी संगठन कैसे काम करते हैं और इनकों फंड कहां से आता है। पाकिस्तान आतंकी संगठनों का पनाहगार है, वो बात अगल है कि ये मुल्क हमेशा से इस बात को इनकार करता आ रहा है, लेकिन सब जानते है कि आतंकवाद कहां फलता-फूलता है। लश्कर-ए-तैयबा…इस खूंखार आतंकी संगठन का नाम आज भी टॉप पर बना हुआ है। जो पूरी दुनिया में आतंक का पर्याय बन चुका है।

आतंकवादी हाफिज मोहम्मद सईद ने इसकी स्थापना की थी अब उसका बेटा तल्हा सईद जो धीरे-धीरे उसके नक्शेकदम पर चल रहा है। संगठन में तल्हा की दखलंदाजी और भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। लश्कर में ऑपरेशन की कमान संभालने वाला जकी-उर-रहमान लखवी 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। हमलों के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2015 में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया और फिर 2021 में उसे 15 साल की सजा सुनाई गई।

लश्कर-ए-तैयबा कई ऐसे खुंखार आतंकी है जो दुनिया में तबाही मचाने के मंसूबे रखते है। इसी में शामिल है जकी-उर-रहमान लखवी। ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के सैन्य अभियानों, ट्रेनिंग कैंप और हमलों की पूरी साजिश को अंजाम देता है।

लश्कर-ए-तैयबा के अन्य सीनियर चेहरे भी कम खतरनाक नहीं हैं। साजिद मीर उर्फ सैफुल्लाह साजिद जट्ट, हाजी मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद याह्या मुजाहिद, आरिफ कासमानी जैसे आतंकी इस संगठन में शामिल है।

साजिद मीर उर्फ सैफुल्लाह साजिद जट्ट: 26/11 मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड साजिद मीर उर्फ सैफुल्लाह साजिद जट्ट आज भी फरार है और FBI का वांटेड आतंकी है। उसका काम अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तैयार करना और लश्कर के लिए आतंकियों की भर्ती करना है।

मोहम्मद याह्या मुजाहिद: लश्कर-ए-तैयबा का मीडिया प्रमुख और प्रवक्ता मोहम्मद याह्या मुजाहिद है। जो प्रोपेगेंडा और पब्लिक मैसेजिंग का काम संभालता है।

हाजी मोहम्मद अशरफ: संगठन का फाइनेंसियल हेड हाजी मोहम्मद अशरफ है, जो चंदा, हवाला और फंडिंग नेटवर्क को चलाता है। खासतौर पर जमात-उद-दावा जैसे फ्रंट्स के जरिए ये इस काम अंजाम देता है।

आरिफ कासमानी: लश्कर-ए-तैयबा का अन्य आतंकी संगठनों से कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी आरिफ संभालता है। ये अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों से संबंध बनाए रखने में माहिर है।

जफर इकबाल: जफर इकबाल लश्कर का सह-संस्थापक है। यह वैचारिक ट्रेनिंग और कट्टरता फैलाने में रहा है। यह ब्रेनवॉश करने में मास्टर है।

इन सब के बाद आते हैं कमांडर और ऑपरेटिव्स वो भी कम खतरनाक नहीं हैं। 2025 के पहलगाम हमले में जिस आदिल ठोकर का सामने आया है वो पाकिस्तान में ट्रेंड एक स्थानीय आतंकी है। इसने दिखा दिया कि कैसे ये मिड-लेवल के आतंकी भी बड़े हमले अंजाम दे सकते हैं।

फ्रंट संगठनों के नाम पर आतंकी खेल

लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन छोटे-छोटे सामाजिक फ्रंटों की आड़ में इस आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते है। जमात-उद-दावा…लश्कर का चैरिटेबल चेहरा है, जो स्कूल, अस्पताल और राहत शिविरों की आड़ में लोगों को बरगलाता है। अमेरिका और UN ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।

देश-दुनिया की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, अल मदीना और ऐसर फाउंडेशन जैसे नाम जमात-उद-दावा पर बैन के बाद सामने आए हैं, जिनका असली काम आतंकी नेटवर्क को जिंदा रखना है। वहीं मिल्लि मुस्लिम लीग, लश्कर की राजनीतिक पार्टी है, जो पाकिस्तान की राजनीति में अपनी पैठ जमाने की कोशिश करती रही। अमेरिका ने इसे भी प्रतिबंधित कर दिया है।

कहां से आती है फंडिंग?

जमात-ए-इस्लामी का उप-महाद्वीपीय हवाला नेटवर्क भारत, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका तक फैला है, जहां से आतंकी गतिविधियों को पैसा पहुंचाया जाता है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी इन संगठनों को फंडिंग करता है।

Lashkar e taiba jamaat ud dawa terrorist front organizations terror going on under the guise of social front

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: May 05, 2025 | 06:03 AM

Topics:  

  • Hafiz Saeed
  • Lashkar-e-Taiba
  • Pahalgam Attack
  • Pakistan
  • Pakistani Terrorists
  • Terrorist Attack

सम्बंधित ख़बरें

1

लाल किले से दहाड़े PM Modi, प्रधानमंत्री के हमले से थर्रा गया पूरा पाकिस्तान

2

सिंधु जल संधि: भारत ने पाकिस्तान की आखिरी चाल को भी की नाकाम, PCA के फैसले को मानने से किया इनकार

3

स्वतंत्रता दिवस पर भी बाज नहीं आए शहबाज, पाक PM ने बंटवारे को बताया सम्मान

4

“अमेरिका ने कुत्ते पाले- वर्दी वाले,” स्वतंत्रता दिवस पर POK में लगे नारे, आसिम मुनीर की नींद हराम

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.