
जॉर्डन ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर अमेरिका के साथ मिलकर हवाई हमले किए (सोर्स-सोशल मीडिया)
Operation Hawkeye Strike Syria: सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ जारी जंग में मुस्लिम देश जॉर्डन ने एक बेहद बड़ा और साहसिक कदम उठाया है। जॉर्डन की वायु सेना ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि उसके लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी सेना के साथ मिलकर आतंकियों पर बमबारी की।
यह सैन्य अभियान इस महीने की शुरुआत में हुई तीन अमेरिकी नागरिकों की हत्या का करारा जवाब माना जा रहा है। दोनों देशों के इस संयुक्त ऑपरेशन का उद्देश्य दक्षिणी सीरिया में फिर से पनप रहे आतंकवाद की कमर तोड़ना और पूरे क्षेत्र को सुरक्षित करना है।
सीरिया में हाल ही में एक बंदूकधारी द्वारा किए गए हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक ट्रांसलेटर की जान चली गई थी। इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुत ही गंभीर और कड़े पलटवार की कसम खाई थी।
इसी वादे को पूरा करते हुए शुक्रवार को अमेरिकी वायु सेना और जॉर्डन के लड़ाकू विमानों ने सीरियाई रेगिस्तान में स्थित ISIS के ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में मुख्य रूप से उन ठिकानों को तबाह किया गया है जहां आतंकी अपने हथियार जमा करते थे और हमलों की योजना बनाते थे।
जॉर्डन की सेना ने एक औपचारिक बयान जारी कर बताया कि उनकी वायु सेना ने दक्षिणी सीरिया में बेहद सटीक हवाई हमले किए हैं। जॉर्डन दुनिया के उन 90 देशों के वैश्विक गठबंधन का हिस्सा है जो इस्लामिक स्टेट को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं।
जॉर्डन के लड़ाकू विमानों ने अमेरिका के साथ तालमेल बिठाकर आतंकियों के उन अड्डों को ध्वस्त कर दिया जहां वे फिर से संगठित हो रहे थे। एक युद्ध निगरानी संगठन के अनुसार इस हमले में आईएस की एक सक्रिय सेल का मुख्य कमांडर और उसके कई साथी मारे गए हैं।
इस सैन्य ऑपरेशन का सबसे महत्वपूर्ण मकसद चरमपंथी समूहों की गतिविधियों पर लगाम लगाना है। जॉर्डन ने साफ किया है कि अगर दक्षिणी सीरिया में ISIS मजबूत होता है, तो इससे न केवल सीरिया बल्कि उसके पड़ोसी देशों और पूरे मध्य पूर्व की सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने जानकारी दी है कि मध्य सीरिया में करीब 70 से ज्यादा ठिकानों पर हमला करने के लिए लड़ाकू विमानों के साथ-साथ हमलावर हेलीकॉप्टरों और तोपखाने का भी जमकर इस्तेमाल किया गया है।
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पिछले छह महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सीरिया में 80 से ज्यादा आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चलाए हैं। अकेले पिछले एक हफ्ते में ही दस से अधिक ऑपरेशन किए गए हैं जिनमें कई खूंखार आतंकी मारे गए या गिरफ्तार किए गए।
ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वे ISIS को दोबारा सिर उठाने का कोई मौका नहीं देंगे। सीरिया में तैनात अमेरिकी सैनिक और जॉर्डन की सेना अब मिलकर इन रेगिस्तानी इलाकों की निगरानी कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।






