इजरायल काट्ज, अली खामेनेई (फोटो- सोशल मीडिया)
तेल अवीव: इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ईरान के साथ समाप्त हुए संघर्ष में उनका लक्ष्य रानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई को मारना था, और इसके लिए अमेरिका की मदद की जरूरत नहीं थी। उनके इस बयान से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की आशंका है, जिससे नई बहस शुरू हो गई है।
इजरायल के काट्ज ने गुरुवार को टीवी इंटरव्यू में ईरान के साथ चल रहे युद्ध को लेकर बयान दिया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया है। काट्ज ने अपने बयान में कहा है कि इजराइल को अपनी सुरक्षा के मद्देनजर कोई भी कदम उठाने के लिए किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। काट्ज का इशारा उस अमेरिकी रिपोर्ट पर था जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल को खामनेई को मारने से रोका दिया था।
इजरायल के काट्ज ने कहा, ईरान के साथ 12 दिनों तक चले युद्ध में हमारा लक्ष्य अयातुल्ला खामनेई को मारकर युद्ध को समाप्त करना था, लेकिन वह अंडरग्राउंड बंकर में छिपे थे जिसके चलते उन पर हमला करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा हमें अपने किसी भी दुश्मन को मारने के लिए किसी की अनुमति या सहायता की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा अगर हमें ईरान से खतरा महसूस हुआ तो फिर से हमला करेंगे।
Israel will attack Iran AGAIN if it feels threatened – Defense Minister Israel Katz
He promises to hit Iran ‘a hundred times more’ severely than Gaza or Lebanon pic.twitter.com/xoCE2hGlFJ
— RT (@RT_com) June 26, 2025
वहीं, अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बयान दिया कि 22 जून को हुए हमले में अमेरिकी सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। हेगसेथ के अनुसार, यह हमला ऐतिहासिक रूप से बेहद सफल रहा। उन्होंने उन पत्रकारों को कड़ी फटकार लगाई जिन्होंने यह दावा किया था कि अमेरिकी हमले से ईरान की परमाणु साइट्स को केवल मामूली नुकसान हुआ है।
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काट्ज ने कहा कि हाल ही में इजरायल और अमेरिका की ओर से ईरान पर किए गए हमलों का उद्देश्य उसकी परमाणु क्षमताओं को कमजोर करना था। उनका दावा है कि अब ईरान के पास यूरेनियम को परमाणु हथियार के उपयोग योग्य रूप में बदलने का कोई तरीका नहीं बचा है, क्योंकि वह ट्रांसफर सुविधा भी नष्ट कर दी गई है।