बेंजामिन नेतन्याहू व नईम कासिम (फोटो- सोशल मीडिया)
इजरायल की खुफिया ताकत और तकनीकी हमला एक बार फिर सुर्खियों में है। हिजबुल्ला नेता नईम कासिम ने पेजर अटैक पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने स्वीकारा कि बीते समय लेबनान में हुए भीषण पेजर विस्फोटों की उन्होंने कभी भी कल्पना नहीं की थी। हजारों पेजरों के एकसाथ फटने से दर्जनों उग्रवादी मारे गए और हजारों घायल हुए। यह हमला इतना सटीक और रहस्यमय था कि खुद हिजबुल्ला की कमान भी इसे समझ नहीं सकी। यह घटना पूरी दुनिया के लिए चौंकाने वाली बन गई थी।
हिजबुल्ला नेता नईम कासिम ने बताया कि इन पेजरों का ऑर्डर एक साल पहले दिया गया था और इस दौरान इजरायल ने उनकी सप्लाई चेन तक आसानी से पहुंच बना ली थी। उन्होंने लेबनानी अखबार अल-मायदीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह हमारी खुफिया विफलता थी। पेजर अटैक ने यह साफ कर दिया कि इजरायल सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि दुश्मन की गहराई तक घुसकर हमला करने की क्षमता रखता है। यह हमला तकनीक और रणनीति का दुर्लभ उदाहरण माना गया है।
पेजर धमाकों से खुली हिजबुल्ला की खामियां
लेबनान में हुए पेजर अटैक को लेकर अब हिजबुल्ला ने खुद स्वीकारा है कि वह इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। नईम कासिम के मुताबिक, जांच से पता चला कि संगठन की खरीद प्रक्रिया और सुरक्षा में गंभीर खामियां थीं। पेजर की आपूर्ति जिस चैनल से हुई, उसी पर इजरायल ने साइबर या अन्य तकनीकों के जरिए कब्जा कर लिया। इस हमले में दर्जनों उग्रवादियों की मौत हुई और सैकड़ों आम लोग भी जख्मी हुए। सबसे हैरानी की बात यह रही कि पेजर एक साथ फटे, जिससे हमले की तीव्रता कई गुना बढ़ गई।
तकनीक के जरिए इजरायल ने की सर्जिकल स्ट्राइक
नईम कासिम ने कहा कि उन्हें इस बात की कल्पना ही नहीं थी कि दुश्मन उनकी सप्लाई चेन के जरिये ही हमला कर देगा। उन्होंने कहा कि यह हमारी चूक है और इजरायल की रणनीतिक बढ़त का प्रमाण भी। पेजर अटैक को लेकर पूरी दुनिया में सुरक्षा विशेषज्ञ हैरान हैं कि इतनी सटीकता और समन्वय के साथ यह हमला कैसे अंजाम दिया गया। इजरायल ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह केवल युद्धभूमि पर ही नहीं, बल्कि तकनीक और खुफिया मोर्चे पर भी अपने दुश्मनों से बहुत आगे है।
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पेजर अटैक ने हिजबुल्ला की अंदरूनी कमजोरियों को उजागर किया और इस हमले न सिर्फ हिजबुल्ला के लिए, बल्कि इजरायल के अन्य दुश्मनों को भी संकेत था कि युद्ध अब सिर्फ बंदूकों और बड़ी सेना से नहीं, तकनीक और इंटेलिजेंस के दम पर लड़े जाते हैं। नईम कासिम का बयान इस बात का संकेत है कि इजरायल अब अपने दुश्मनों की गहराई तक जाकर उन्हें कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा है।