इजरायल कर सकता है ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला, (डिजाइन फोटो)
फिलिस्तीन के मुद्दे पर ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने चिंता जताई है। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका को आशंका है कि इजराइल ईरान पर बिना किसी पूर्व चेतावनी के हमला कर सकता है। इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मुस्लिम देशों के बीच एकता की अपील की है। उन्होंने गाजा पट्टी में हो रहे “जायोनी शासन के अत्याचारों” के खिलाफ ईरान और पाकिस्तान के बीच साझा और प्रभावी कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में खामेनेई ने कहा कि गाजा में हो रही हिंसा को रोकने के लिए ईरान और पाकिस्तान को मिलकर कदम उठाने होंगे। उन्होंने फिलिस्तीन के मसले को पूरे इस्लामी जगत के लिए एक प्रमुख चिंता बताया। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को आशंका है कि इजरायल, बातचीत के दौरान ही ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है। यह हमला इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश पर किया जा सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू किसी भी समय ईरान पर कार्रवाई का आदेश दे सकते हैं। यह निर्णय अचानक लिया जा सकता है या अमेरिका को कुछ घंटे पहले सूचित करके किया जा सकता है, जिससे अमेरिका के पास प्रतिक्रिया देने या नेतन्याहू पर दबाव बनाने के लिए पर्याप्त समय नहीं होगा।
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दरअसल, ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप और नेतन्याहू के बीच लंबे समय से मतभेद रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में बयान दिया था कि उन्हें उम्मीद है ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने की कोशिशें सफल होंगी।
ट्रंप ने हाल ही में मिडल ईस्ट का दौरा किया, जिसके दौरान इजरायली अधिकारियों ने यह संकेत दिए कि वे ईरान पर हमले की योजना बना रहे हैं। अमेरिकी सूत्रों की जानकारी भी इसी ओर इशारा करती है। हालांकि यह सवाल उठता है कि अगर अमेरिका इस हमले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होता, तो इजरायल का हमला कितना प्रभावी और व्यापक हो सकेगा।
इजरायली सूत्रों के हवाले से बताया है कि अगर ईरान पर हमला होता है, तो अमेरिका को मजबूरन मुस्लिम देश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में इजरायल की मदद करनी पड़ेगी। यानी इजरायल की रणनीति यह है कि किसी भी तरह अमेरिका को अपने पक्ष में कर लिया जाए।