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बेरूत : 23 सितंबर को इजरायल ने लेबनान पर बड़ा सैन्य हमला किया, जिसमें 300 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। इस हमले में 274 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें 21 बच्चे भी शामिल हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस आंकड़े की पुष्टि की है। यह हमला गाजा युद्ध के बाद लेबनान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। अल जज़ीरा के अनुसार, यह इज़रायल द्वारा हाल के वर्षों में किए गए सबसे विनाशकारी हमलों में से एक है।
इस हमले के बाद लेबनान के कई शहरों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सरकार ने एहतियात के तौर पर दो दिन के लिए स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया, जबकि लोग बड़ी संख्या में अपने घरों और शहरों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे। इस अचानक विस्थापन से कई जगहों पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस हमले से पहले लेबनान के निवासियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। IDF ने मिसाइल हमलों से पहले लोगों को मैसेज के माध्यम से सूचित किया कि उनकी सुरक्षा के लिए यह कदम जरूरी है। इसके बावजूद, बड़े पैमाने पर हताहतों की संख्या ने हमले की गंभीरता को उजागर किया है।
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IDF ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही वे बेका घाटी में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाएंगे। इसके लिए घाटी के निवासियों को चेतावनी दी गई है कि वे जल्द से जल्द, यानी दो घंटे के भीतर, उस इलाके को खाली कर दें। इज़राइल का कहना है कि यह हमला हिजबुल्लाह द्वारा किए गए हमलों का जवाब है और इसका उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करना है।
यह हमला पिछले चार दिनों से जारी है, और इज़राइली सेना ने अब तक 900 से अधिक मिसाइलें दागी हैं, जिनसे कुल मिलाकर 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ते हमले और हताहतों की संख्या ने लेबनान की स्थिति को गंभीर बना दिया है। लेबनान की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले की निंदा की है और इसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरा बताया है।
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