ग्रेटा थनबर्ग, हिरासत में लिए अन्य लोग (फोटो-सोशल मीडिया)
तेल अवीवः स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता और नोबेल पीस प्राइज विजेता ग्रेटा थनबर्ग को इजराइल के सैनिकों ने हिरासत में ले लिया है। उन्हें इंटरनेशनल वाटर्स से हिरासत में गया है, उनके साथ 12 अन्य लोग भी हिरासत में हैं। थनबर्ग मैडलीन नामक जहाज से गाजा जा रही थीं। उनकी जहाज में भुखमरी से जूझ रहे गाजावासियों के लिए खाने का सामान, दवा, बच्चों के लिए दूध व डायपर सहित अन्य आवश्यक सामग्री थी।
सोमवार को अल सुबह इजराइल की 5 स्पीड बोट्स ने मैडलीन जहाज को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद इजराइली सैनिक जहाज पर चढ़ गए तथा जहाज को अपने कंट्रोल में ले लिया। वहीं जहाज में ग्रेटा सहित सभी सवारों को अब गाजा की जगह इजराइल ले जाया जा रहा है। ग्रेटा थनबर्ग ने मामले को लेकर एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने इजराइली सैनिकों पर अपहरण करने का आरोप लगाया है।
23 लाख लोगों की मदद करने जा रहा था मैडलीन
ग्रेटा थनबर्ग एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह भुखमरी का सामना कर रहे गाजा के 23 लाख लोगों के लिए मदद लेकर जा रही थीं। हालांकि इजराइल ने 2 मार्च से ही गाजा में राहत सामग्री की एंट्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। इसका कारण इजराइल की सिक्योरिटी बताया गया है। पानी के रास्ते गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने की पहल फ्रीडम फ्लोटिला नाम के संगठन ने की है। यह संगठन पहले भी गाजा के लोगों की कोशिश करता रहा है। ग्रेटा और उनकी टीम इजराइल द्वारा की गई गाजा की घेरबंदी का कई सालों से विरोध कर रहे हैं। फ्रीडम फ्लोटिला ने राहत सामग्री को गाजा तक पहुंचाने को एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध बताया है।
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इजराइल ने जहाज को क्यों रोका
जानकारी के मुताबिक शुरूआत में इजराइल ग्रेटा थनबर्ग के जहाज मैडलीन को गाजा में डॉक करने की अनुमति देने पर विचार कर रहा था, लेकिन बाद में सुरक्षा संबंधी समस्याओं का हवाला देकर सरकार ने अपना फैसला बदल दिया। इजराइल का तर्क है कि यदि मैडलीन जैसे जहाज को मंजूरी दी गई, तो आगे चलकर इसी तरह कई अन्य जहाज गाजा तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने ब्रिटेन से गाजा की ओर आ रहे जहाज को रोकने की अपील की थी। हालांकि, ब्रिटेन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।