सांकेतिक तस्वीर
IS Terrorist Attack in Congo Church: पूर्वी कांगो के कोमांडा क्षेत्र में रविवार तड़के इस्लामिक स्टेट से संबद्ध विद्रोही संगठन एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्स (ADF) ने एक कैथोलिक चर्च परिसर पर हमला किया, जिसमें कम से कम 21 लोगों की जान चली गई। यह हमला रात लगभग 1 बजे हुआ, जब हमलावरों ने न केवल चर्च में मौजूद लोगों को निशाना बनाया, बल्कि आसपास के कई घरों और दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया।
कोमांडा में नागरिक समाज के समन्वयक डियूडोने डुरानथाबो ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, “हमने 21 से अधिक लोगों के गोली लगने की सूचना पाई है। इसके अलावा, कम से कम तीन जले हुए शव मिले हैं और कई मकानों को जला दिया गया है। तलाश अभियान अभी भी जारी है।” वहीं, इतुरी प्रांत में तैनात कांगो सेना के एक प्रवक्ता ने इस हमले में 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
कांगो की सेना ने हमले की पुष्टि की है, हालांकि उन्होंने मृतकों की संख्या को कम बताया है। इतुरी प्रांत के सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जूल्स न्गोंगो ने जानकारी दी, “आज सुबह हमें सूचना मिली कि कोमांडा से कुछ दूरी पर स्थित एक चर्च पर हथियारबंद हमलावरों ने छुरों और बंदूकों से हमला किया, जिसमें करीब 10 लोगों की हत्या कर दी गई और कुछ दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया।” उन्होंने कहा , एडीएफ जो इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ आतंकी संगठन है, पिछले एक दशक से युगांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सीमा पर सक्रिय है और लगातार आम नागरिकों को निशाना बनाता रहा है।
BREAKING: At least 21 people have been killed in an attack on a church in eastern Congo by an Islamic State-backed rebel group, a civil leader says. https://t.co/Re4PbB8e7A
— The Associated Press (@AP) July 27, 2025
एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) एक विद्रोही समूह है जो इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ है और युगांडा तथा कांगो (DRC) के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय है। इसका गठन 1990 के दशक के अंत में उन छोटे-छोटे समूहों द्वारा किया गया था जो युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की नीतियों से असंतुष्ट थे। 2002 में युगांडा की सेना द्वारा किए गए सैन्य हमलों के बाद, एडीएफ ने अपनी गतिविधियों को पड़ोसी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में स्थानांतरित कर दिया।
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डीआरसी में सक्रिय रहने के दौरान एडीएफ ने हजारों नागरिकों की हत्याओं को अंजाम दिया है, जिससे यह एक प्रमुख आतंकवादी खतरा बन चुका है। 2019 में इस समूह ने इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा की शपथ ली और अपनी विचारधारा को और अधिक कट्टर बनाया। एडीएफ का उद्देश्य पूर्वी अफ्रीकी क्षेत्र में एक इस्लामी सरकार की स्थापना करना है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)