
इनामी साइबरी अपराधी और ट्रंप।
Cyber Attack On USA: अमेरिका ने ईरान की दो साइबर अपराधियों के ऊपर बहुत बड़ा इनाम घोषित किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम का कहना है कि जो भी इनके बारे में सही जानकारी देगा, उसे 10 मिलियन डॉलर ( 90 करोड़ रुपये) देंगे। इनके ऊपर पर आरोप है कि दोनों ने विदेशी सरकार के कहने पर और कंप्यूटर धोखाधड़ी और दुरुपयोग कानून का उल्लंघन करके अमेरिका के महत्वपूर्ण सिस्टम पर साइबर हमले किए।
अमेरिका ने जिनके बारे में जानकारी जारी की है, उनके नाम फतेमेह सेदिकियन काशी और मोहम्मद बाघेर शिरिनकर हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि दोनों ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन से जुड़े शाहिद शुश्तारी नाम के साइबर ग्रुप का हिस्सा हैं। दोनों ने कई बार अमेरिका के अहम बुनियादी ढांचों पर बड़े साइबर हमले किए हैं।
अमेरिकी रिपोर्ट बताती है कि सेदिकियन और शिरिनकर साथ मिलकर साइबर हमलों की साजिश रचते और फिर उन्हें अंजाम देते हैं। शाहिद शुश्तारी समूह ईरान के साइबर इलेक्ट्रॉनिक कमांड के अधीन काम करता है। यह पहले अलग-अलग नामों से काम करता था। जैसे-आरिया सेपेहर अयंदेह साजान, इमान नेट पसारगद, नेट पेगार्ड समावत। अमेरिका के अनुसार इस समूह ने साइबर और जासूसी गतिविधियों के जरिए अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व के कई अहम क्षेत्रों को निशाना बनाया। इनमें मीडिया, शिपिंग, ऊर्जा, वित्त, दूरसंचार और पर्यटन जैसे सेक्टर शामिल हैं। साइबल हमलों से निजी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। वहीं, कामकाज में रुकावट आई।
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अमेरिका के अनुसार, अगस्त 2020 से इस समूह ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए बड़ा साइबर अभियान चलाया। इससे पहले यह समूह फर्जी पहचान बनाकर खुफिया जानकारी जुटाने और साइबर हमलों की तैयारी में रहता था। अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि 17 नवंबर 2021 को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने शाहिद शुश्तारी और उसके 6 कर्मियों पर प्रतिबंध लगाया था। वे 2020 के अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। अमेरिका को उम्मीद है कि दोनों की गिरफ्तारी से ईरान के साइबर नेटवर्क और उनके ऑपरेशनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।






