नई दिल्ली: जैसा कि हम सब जानते है बीते कुछ दिनों से इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच हो रहे युद्ध की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। इस युद्ध ने एक बार फिर दुनिया भर में तनाव बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि इससे विश्व अर्थव्यवस्था (Global Economy) बहुत बड़े पैमाने पर बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। जी हां क्यों की इजरायल को स्टार्टअप कंपनियों (Startup Companies) का केंद्र माना जाता है, ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि इजरायल (Israel) में जिन-जिन देशों के कंपनियों ने निवेश (Investment) किया है, वे अब मुश्किल में पड सकते हैं। आइए जानते है पूरी खबर विस्तार से…
दरअसल अमेरिका और भारत समेत कई देशों की बड़ी आईटी कंपनियों ने वहां भारी निवेश किया है। अगर युद्ध लंबे समय तक जारी रहा तो इसका इजरायली अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, जिसका असर इन कंपनियों पर भी पड़ सकता है। युद्ध के कारण इजरायल ने रिज़र्विस्टों को ड्यूटी पर बुला लिया है। जी हां ये लोग शिक्षक, तकनीकी कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स, स्टार्टअप उद्यमी और पर्यटन क्षेत्र में काम करने वाले हैं। यदि ये युद्ध ऐसे ही लंबा चला तो ये मैनपॉवर नियमित काम पर नहीं लौट पाएगा । इसलिए वहां अलग-अलग कंपनियों में हो रहे उत्पादन पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है।
दरअसल इजरायल में आईटी कंपनी का निवेश है। विमान के स्पेयर पार्ट्स निर्माता एच. आर को 2016 में विप्रो (Wipro) ने अधिग्रहण कर लिया था। ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि इस कंपनी पर भी इस युद्ध की वजह से बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि TCS इस कंपनी के इजरायल में लगभग 1,100 कर्मचारी हैं। जी हां दरअसल साल 2005 से कंपनी ने वहां काम करना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब वहां TCS भी मुश्किलों में पड़ सकती है।
इस सब में जानी मानी कंपनी इंफोसिस (Infosys) भी पिछे नहीं है, जी हां इसने भी इजराइल में बड़ा निवेश है। दरअसल यह कंपनी वहां कंपनी औद्योगिक अनुसंधान के क्षेत्र में काम करती है। ऐसे में अब आशंका है की इस युद्ध का असर इन्फोसिस पर भी पड़ सकता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि एचसीएल टेक (HCL Tech) इस कंपनी के इजरायल में दो कार्यालय हैं। यह कंपनी के लिए एक रणनीतिक निवेश है। ऐसे में अब इस कंपनी का निवेश भी खतरे में है।
भारत के साथ ही अमेरिका भी इजरायल में निवेश करने में पीछे नहीं है। बता दें कि कई अमेरिकी टेक कंपनियां इजराइल में निवेश किया हैं। जी हां इसमें Microsoft, Alphabet (Google), Apple, Oracle, Intel आदि शामिल हैं। ऐसे में अब इन कंपनियों पर भी नुकसान का बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है।