तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
मॉस्को: चीनी सीमा क्षेत्रों से भारतीय सैनिक पीछे हट गए हैं। रूस की स्पूतनिक ने इसका वीडियो शेयर किया है। जिसे ब्रिक्स न्यूज नाम की वैरिफाइड एक्स अकाउंट ने पोस्ट किया है। फिलहाल, भारत की ओर से ये फैसला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में संयुक्त गश्त पर सहमति के बाद लिया गया।
रूस शहर के कजान में आयोजित हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) के दौरान भारत-चीन सीमा पर युक्त गश्त पर सहमति बनी थी। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव वाले बिंदुओं से सैनिक ने 25 अक्टूबर को ही पीछे हटना शुरू कर दिया था।
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हाल ही में यानी ब्रिक्स समिट के सम्मेलन के पहले और पीएम मोदी के रूस दौरे पर रवाना होने के पहले दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास से सैनिकों की वापसी और गश्ती को लेकर समझौता हुआ था। जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
🇮🇳🇨🇳 Indian troops withdraw from China border areas after BRICS summit agreement on joint patrols pic.twitter.com/WZZGH9yTdk
— BRICS News (@BRICSinfo) October 29, 2024
जून 2020 में गल्वान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था कि पिछले कुछ सप्ताह में हुई बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया। इससे 2020 में सामने आए मुद्दों का समाधान निकलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बातचीत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्ती को लेकर हुए समझौते का समर्थन किया था।
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दरअसल, स्पूतनिक रूस की एक सैटेलाइट का नाम है। 4 अक्टूबर 1957 को सोवियत संघ ने दुनिया का पहला आर्टिफीशियल उपग्रह स्पुतनिक-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। यह उपग्रह समुद्र तट की गेंद के आकार का था जिसका साइज 22.8 इंच यानी 58 सेमी व्यास और इसका वजन 183.9 पाउंड यानी 83.6 किलोग्राम था। इसने लगभग 98 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी की थी।