पी. हरिश, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटन: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित करता है और आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता है। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह भारत के खिलाफ बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाने से बाज आए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जो देश नागरिकों की सुरक्षा पर उपदेश देता है, वही सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरिश ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों और आम नागरिकों के बीच कभी कोई अंतर नहीं किया है। इस स्थिति में पाकिस्तान को नागरिकों की सुरक्षा पर बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
पी. हरिश ने कहा, “मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का जवाब देने के लिए मजबूर हूं। भारत लंबे समय से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमलों का सामना करता आ रहा है। इन हमलों में 26/11 को मुंबई पर हुआ भयावह हमला और हाल ही में अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की क्रूर हत्या जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन हमलों का मुख्य निशाना हमारे आम नागरिक रहे हैं, क्योंकि इनका मकसद भारत की तरक्की, शांति और आत्मबल को कमजोर करना है।”
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PR @AmbHarishP delivered India’s statement at the Arria Formula Meeting on Protecting Water in Armed Conflict – Protecting Civilian Lives. @MEAIndia @UN pic.twitter.com/SV0wzzW5XS
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) May 23, 2025
उन्होंने आगे कहा, “ऐसा देश जो खुद आतंकवाद को बढ़ावा देता है, उसका नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक तरह का अपमान है। पाकिस्तान बार-बार आतंकियों को छिपाने के लिए आम नागरिकों की आड़ लेता रहा है। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मारे गए कुख्यात आतंकवादियों के जनाजों में पाकिस्तान के उच्चस्तरीय सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति इसका स्पष्ट प्रमाण है। जब एक देश आतंकवादियों और नागरिकों में फर्क करना ही नहीं चाहता, तो उसे नागरिकों की सुरक्षा पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
पाकिस्तानी सेना ने इस महीने की शुरुआत में जानबूझकर भारत की सीमा के पास बसे गांवों पर हमला किया, जिसमें 20 से अधिक आम नागरिकों की मौत हुई और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस हमले में गुरुद्वारों, मंदिरों और कॉन्वेंट सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया। पी. हरिश ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी और बिना समझौते वाली नीति अपनानी होगी और जो इसे समर्थन या संरक्षण देते हैं, उन्हें बेनकाब करना चाहिए।