बगलिहार और सलाल बांध के गेट बंद, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत कड़े से कड़े कदम उठा रहा है। इस कदम में भारत ने पहले ही सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर चुका है और अब चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांध के गेट को बंद कर दिए गया है। इससे सिंधु नदी सिस्टम के तहत पाकिस्तान को जाने वाला चिनाब का पानी पूरी तरह से रुक गया है इसको देख पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का गला सूखने लगा है।
बीते दिनों पहाड़ों पर लगातार बारिश के बाद ज्यादा पानी जमा हो गया। उस दौरान सालार डैम के कई गेटों को खोल दिया गया था, लेकिन अब एक बार फिर सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को पूरी तरह से रोक दिया है। वहीं, रामबन में बगलिहार बांध के गेट बंद होने के बाद चिनाब नदी का बहाव काफी कम हो गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान में बहने वाली चिनाब और अन्य नदियों का पानी रोकने का प्रयास किया है, जिसके चलते पाकिस्तान की सिंधु नदी सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) की सलाहकार समिति ने अपनी चिंता व्यक्त की है। आईआरएसए का कहना है कि इस कदम से पाकिस्तान के शुरुआती खरीफ सीजन में 21 प्रतिशत पानी की कमी हो सकती है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
अगर भारत पश्चिम की दिशा में बहने वाली पाकिस्तान की नदियों पर अपनी पकड़ मजबूत करता है और वर्तमान स्थिति बनी रहती है, तो खरीफ सीजन के दौरान पाकिस्तान को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान अब पानी की आपूर्ति को रोजाना मॉनिटर कर रहा है, और अगर चिनाब नदी का जल प्रवाह कम होता रहा, तो खरीफ सीजन के अंत तक पानी की कमी लगभग 7 प्रतिशत हो सकती है।
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भारत जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर स्थित बगलिहार और सलाल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स को सर्दियों के मौसम में पाकिस्तान को जाने वाले पानी को स्टोर करने के लिए तैयार कर रहा है। इसमें जलाशयों की सफाई और गाद निकालने का काम भी शामिल है। भविष्य में भारत अपनी आंतरिक जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए अन्य बांधों पर भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाएगा। सिंधु जल संधि के सस्पेंड होने के बाद भारत पाकिस्तान में सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के प्रवाह को रोकने की योजना बना रहा है।
पाकिस्तान के लिए यह सिर्फ पानी रोकने और फसल के नुकसान की समस्या नहीं है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत इस पानी का उपयोग अपने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स और बांधों के लिए कर रहा है। पाकिस्तान को यह चिंता भी है कि अगर भारत 4-5 दिन तक पानी रोकने के बाद अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ता है, तो इससे नदी के किनारे स्थित इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है। पाकिस्तान पहले भी ऐसी स्थिति का सामना कर चुका है, जब भारी बारिश के कारण भारत ने सलाल बांध से पानी छोड़ा था, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी।