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India Russia S-500 Deal: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा आज शुरू होने वाला है। यह मुलाकात भारत-रूस के रणनीतिक संबंधों को और भी मजबूत करेगी। खासकर, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सफलता के बाद अब S-500 पर चर्चा होगी। यह दौरा वैश्विक कूटनीति में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का स्पष्ट संकेत है।
हाल ही में, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने अपनी नई शक्ति का प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, पाकिस्तान ने एक रात में लगभग 1000 मिसाइलें और ड्रोन भारत की ओर दागने की कोशिश की थी। लेकिन भारत के पास मौजूद S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने इन्हें सीमा पार किए बिना ही हवा में मार गिराया। रूस से लगभग $40,000 करोड़ में खरीदे गए इस अत्याधुनिक सिस्टम ने पाकिस्तान के कई फाइटर जेट को भी निशाना बनाया। यह घटना दिखाती है कि भारत अब सिर्फ अपनी सुरक्षा ही नहीं कर रहा है, बल्कि जवाबी कार्रवाई की जबरदस्त क्षमता भी रखता है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने ‘डिफेंस से ऑफेंस’ का सटीक उदाहरण बताया।
S-400 की सफलता के बाद अब सबका ध्यान S-500 सिस्टम पर है। रूस के उप-प्रधानमंत्री यूरी बोर ने संकेत दिया है कि भारत यह अत्याधुनिक सिस्टम पाने वाला शायद दुनिया का पहला देश हो सकता है। S-500 की मारक क्षमता 500 से 600 किलोमीटर तक है और यह हाइपरसोनिक हथियारों को भी इंटरसेप्ट कर सकता है। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि S-500 मिलने पर भारत को चीन पर निर्णायक रणनीतिक बढ़त हासिल हो जाएगी। जहां S-400 किसी क्षेत्र की रक्षा करता है, वहीं S-500 पूरे शहरों और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थानों को एक साथ सुरक्षा दे सकता है। भारत अभी S-400 की दो और स्क्वाड्रन मिलने का इंतजार कर रहा है, साथ ही S-500 के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और जॉइंट प्रोडक्शन पर भी बातचीत चल रही है।
राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा सिर्फ सैन्य समझौतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भू-राजनीति में एक बड़ा संदेश है। विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस, भारत को चीन के मुकाबले एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में देखता है। यह दौरा भारत की ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ को मजबूत करता है। पुतिन के साथ रूसी रक्षा, वित्त, और आर्थिक विकास सहित सात शीर्ष मंत्री और सेंट्रल बैंक की चेयरपर्सन भी आ रही हैं, जो दोनों देशों के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह यात्रा दुनिया को साफ संकेत देती है कि भारत किसी भी गुट के दबाव में नहीं, बल्कि अपनी शर्तों पर वैश्विक राजनीति और रक्षा कूटनीति खेल रहा है।
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इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मिशन सुदर्शन चक्र‘ की शुरुआत की घोषणा की है। यह एक ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा कवच होगा जो देश के सभी औद्योगिक, सार्वजनिक और रणनीतिक इलाकों को अभेद सुरक्षा प्रदान करेगा। यह पहल भारत की नई सुरक्षा नीति का हिस्सा है, जिसके तहत देश शांति बनाए रखने के साथ-साथ उसकी रक्षा करने के लिए भी पूरी तरह तैयार है।