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India Emerges As The 3rd Most Powerful Nation: ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट ने एशिया पावर इंडेक्स 2025 जारी किया है। इस रिपोर्ट में एशिया की सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक ताकत का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की ताकतवर देशों की सूची में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। वहीं पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है और वह टॉप-15 की सूची से भी बाहर हो गया है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित Lowy Institute ने अपनी वार्षिक Asia Power Index 2025 जारी की है, जिसमें एशिया के 27 देशों की ताकत को आठ प्रमुख आधारों पर आंका गया है- सैन्य क्षमता, आर्थिक शक्ति, रक्षा नेटवर्क, कूटनीतिक प्रभाव, सांस्कृतिक पहुंच, लचीलापन और भविष्य की क्षमता। रिपोर्ट के अनुसार भारत ने एक बड़ी छलांग लगाते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है। जबकि पाकिस्तान 16वें नंबर पर है और टॉप-15 में भी शामिल नहीं हो सका।
| रैंक | देश | स्कोर | श्रेणी |
|---|---|---|---|
| 1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 80.5 | सुपर पावर |
| 2 | चीन | 73.7 | सुपर पावर |
| 3 | भारत | 40.0 | मेजर पावर |
| 4 | जापान | 38.8 | मिडिल पावर |
| 5 | रूस | 32.1 | मिडिल पावर |
| 6 | ऑस्ट्रेलिया | 31.8 | मिडिल पावर |
| 7 | दक्षिण कोरिया | 31.5 | मिडिल पावर |
| 8 | सिंगापुर | 26.8 | मिडिल पावर |
| 9 | इंडोनेशिया | 22.5 | मिडिल पावर |
| 10 | मलेशिया | 20.6 | मिडिल पावर |
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत तेजी से उभरता हुआ देश है और 40.0 स्कोर के साथ वह मेजर पावर की श्रेणी में मजबूती से स्थापित हो गया है। भारत की यह प्रगति आर्थिक विकास, रक्षा क्षमता और भविष्य की संसाधन शक्ति से प्रेरित मानी गई है। हालाकि रिपोर्ट कहती है कि भारत का कूटनीतिक और आर्थिक प्रभाव अभी और बढ़ सकता है और आगे इसके विस्तार के बड़े अवसर हैं।
केवल अमेरिका और चीन को सुपर पावर श्रेणी में रखा गया है। अमेरिका अभी भी नंबर-1 है, लेकिन उसका प्रभाव स्कोर 2018 के बाद सबसे कम हुआ है। विशेषज्ञ इसके लिए ट्रंप सरकार की नीतियों को जिम्मेदार मानते हैं। चीन लगातार अमेरिका के करीब पहुंच रहा है और दोनों के बीच का अंतर न्यूनतम स्तर पर है।
रूस ने 2019 के बाद पहली बार अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। रिपोर्ट का कहना है कि यह चीन और उत्तर कोरिया के साथ बढ़ी रणनीतिक साझेदारी और रक्षा संबंधों का परिणाम है। रूस ने ऑस्ट्रेलिया से अपना पांचवां स्थान वापस हासिल किया है।
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जापान ने तकनीकी और कूटनीतिक क्षमताओं के कारण प्रभाव में वृद्धि दर्ज की है। दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर क्षेत्रीय संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि एशिया सहित पूरी दुनिया में शक्ति का संतुलन तेजी से बदल रहा है। भारत आने वाले वर्षों में और भी मजबूत और निर्णायक वैश्विक ताकत बनने की क्षमता रखता है।