जोनाथन रेनॉल्ड्स और पीयूष गोयल, फोटो - एक्स
नवभारत डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर लगातार टैरिफ लगाया है, जिसके चलते वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ी है। इस बीच, भारत ने 24 फरवरी को ब्रिटेन की नई लेबर पार्टी सरकार के साथ दो बड़े व्यापार सौदों के लिए वार्ता शुरू कर दी है, जो लंबे समय से रुके हुए थे। यह कदम यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन की भारत यात्रा से पहले उठाया गया है।
बता दें, भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौता 2022 में शुरू हुआ था, और यह किसी पश्चिमी देश के साथ भारत का पहला पूर्ण व्यापार समझौता होगा, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच होने वाली बैठक में व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद भी शामिल हो सकती है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने चुनाव के कारण रुकी व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। दोनों देशों को इस समझौते की रूपरेखा का फिर से मूल्यांकन करने की जरूरत है। वे तीन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं – मुक्त व्यापार समझौता, द्विपक्षीय निवेश संधि और दोहरा कराधान समझौता। ये सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि दोनों देशों के व्यापार मंत्री दो दिनों तक केंद्रित बातचीत करेंगे, जो एक आधुनिक आर्थिक समझौते पर आधारित होगी। यह पहली बार है कि ब्रिटेन में नई सरकार के गठन के बाद दोनों देशों के मंत्री मिलकर बातचीत करेंगे।
विदेश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लकि करें…
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका द्वारा वैश्विक व्यापार व्यवस्था में उत्पन्न की गई अनिश्चितता के कारण पश्चिमी देशों के साथ बातचीत को नई गति मिल सकती है। ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख व्यापार भागीदारों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे इन देशों को भारत के साथ व्यापार समझौतों में ज्यादा तत्परता दिखाने की प्रेरणा मिल सकती है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच अब तक नौ दौर की वार्ता हो चुकी है, और 10वां दौर 10-14 मार्च को ब्रुसेल्स में होने वाला है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले दौर में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जैसे माल, सेवाएं, निवेश, सरकारी खरीद, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी उपाय, और तकनीकी व्यापार बाधाएं।