यूनुस सरकार पर आवामी लीग का बड़ा आरोप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh News In Hindi: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों में जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इस बीच अवामी लीग पार्टी की छात्र इकाई बांग्लादेश स्टूडेंट्स लीग (BSL) ने यूनुस सरकार पर तीखा हमला बोला है।
गौरतलब है कि यूनुस सरकार ने हाल ही में बांग्लादेश अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद पार्टी से जुड़े छात्र संगठनों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बांग्लादेश स्टूडेंट्स लीग के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए भारत को निशाना बना रही है।
सद्दाम हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश में जो भी राजनीतिक और सामाजिक घटनाएं हो रही हैं उन्हें जबरन भारत के सिर मढ़ा जा रहा है। उनके मुताबिक, मुहम्मद यूनुस लगातार भारत-विरोधी बयान दे रहे हैं ताकि कट्टरपंथी और चरमपंथी समूहों को खुश रखा जा सके और घरेलू स्तर पर सरकार की विफलताओं को छिपाया जा सके।
आवामी लीग की छात्र इकाई ने देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को लेकर भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सद्दाम हुसैन का कहना है कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद और हाल ही में उस्मान हादी की मौत के बाद अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने की घटनाओं में तेजी आई है।
उन्होंने हाल ही में सामने आए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना बांग्लादेश में “नया सामान्य” बनती जा रही है। आरोप है कि कट्टरपंथियों ने दीपू चंद्र दास को चौराहे पर पीट-पीटकर जिंदा जला दिया। सद्दाम हुसैन ने दावा किया कि इस तरह की घटनाओं में सरकार की भूमिका या कम से कम उसकी चुप्पी साफ दिखाई देती है।
स्टूडेंट्स लीग के अध्यक्ष ने स्थिति को तालिबानीकरण की संज्ञा देते हुए कहा कि बांग्लादेश तेजी से कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है। उनके अनुसार, अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में सरकार की निष्क्रियता या परोक्ष समर्थन हालात को और भयावह बना रहा है।
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इन आरोपों के बीच भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी इसका असर साफ दिख रहा है। जहां एक ओर भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है वहीं बांग्लादेश की मौजूदा सरकार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठने लगे हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि यूनुस सरकार इन आरोपों पर क्या रुख अपनाती है और देश में कानून-व्यवस्था व अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं।