भारत से हथियार खरीदेगा आर्मेनिया, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
India Armenia Defence Deal: अजरबैजान से जारी तनाव के बीच आर्मेनिया भारत से करीब 3.5 से 4 अरब डॉलर की डिफेंस डील करने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के बीच यह समझौता बहुत जल्द साइन हो सकता है। इस डील के तहत आर्मेनिया भारत से एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल सिस्टम और एडवांस आर्टिलरी गन खरीदने जा रहा है। यह सौदा दक्षिण कॉकस क्षेत्र में भारत की बढ़ती रणनीतिक उपस्थिति का अहम संकेत माना जा रहा है।
रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस डील का मुख्य फोकस भारत द्वारा विकसित आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल सिस्टम है। इस सिस्टम की रेंज और इंटरसेप्शन क्षमता पहले से कहीं अधिक एडवांस है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में इसने अपनी सटीकता और मारक क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। आर्मेनिया इसे अपने मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस नेटवर्क में शामिल करने की योजना बना रहा है।
इसके अलावा, आर्मेनिया ने भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल में भी गहरी रुचि दिखाई है। ब्रह्मोस वह मिसाइल है जिसने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को सफलतापूर्वक टारगेट किया था। फिलीपींस पहले से ब्रह्मोस सिस्टम इस्तेमाल कर रहा है, जबकि इंडोनेशिया इस डील के करीब है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत और आर्मेनिया अब ब्रह्मोस को-प्रोडक्शन फ्रेमवर्क पर चर्चा कर रहे हैं ताकि कुछ हिस्सों का उत्पादन अर्मेनिया में ही किया जा सके। इन डील्स का मकसद सिर्फ अर्मेनिया की डिफेंस कैपेसिटी बढ़ाना नहीं, बल्कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन और रक्षा निर्यात नीति को भी नई दिशा देना है।
2023 के बाद से आर्मेनिया भारत का एक टॉप डिफेंस बायर बन गया है। इसी वर्ष आर्मेनिया ने भारत में अपने पहले डिफेंस अताशे (Defence Attache) को नियुक्त किया था। इसके जवाब में भारत ने भी अप्रैल 2024 में येरावन में अपना डिफेंस अताशे तैनात किया, जो कॉकस क्षेत्र में भारत की पहली तैनाती थी।
यह साझेदारी 2020 के दशक की शुरुआत में हुई 40 मिलियन डॉलर की “स्वाथी वेपन लोकेटिंग रडार” डील से शुरू हुई थी। यह वही रडार है जिसे आर्मेनिया ने अजरबैजान के खिलाफ इस्तेमाल किया और जो पोलिश हथियारों की तुलना में ज्यादा प्रभावी साबित हुई।
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मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (MP-IDSA) की रिपोर्ट बताती है कि भारत ने 2022 से अब तक अर्मेनिया को लगातार एडवांस हथियार सप्लाई किए हैं। इनमें पिनाका मल्टी-बैरेल रॉकेट सिस्टम, कोंकुर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, 155mm हॉविट्जर गन, ATAGS सिस्टम, आकाश और आकाश-एनजी बैटरियां, एंटी-ड्रोन सिस्टम और स्मॉल आर्म्स गोला-बारूद शामिल हैं।