पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या की अफवाह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Imran Khan Death Rumors Spark Protests: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में हत्या की अटकलों ने देश में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। इन अफवाहों के बाद उनकी पार्टी, PTI, के समर्थक देशभर में सड़कों पर उतर आए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने अचानक संसद का आपात सत्र बुलाने का फैसला किया है। इसी बीच, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने पाकिस्तानी उड़ानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद करके तनाव और बढ़ा दिया है।
बुधवार दोपहर पाकिस्तान में यह खबर जंगल की आग की तरह फैली कि अडियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या कर दी गई है। यह अफवाह एक ऐसे पोर्टल से शुरू हुई जिसने खुद को बलूचिस्तान का विदेश मंत्रालय बताया। दावा किया गया कि खान को जेल में जहर देकर मार दिया गया है। हालाकि, पाकिस्तानी सरकार या जेल प्रशासन ने इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन उनकी चुप्पी ने लोगों के बीच की चिंता और आक्रोश को और बढ़ा दिया। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और PTI कार्यकर्ताओं ने जेल प्रशासन पर इमरान खान की वास्तविक स्थिति छिपाने का आरोप लगाया।
इमरान खान की हत्या की अफवाहों के तुरंत बाद, उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। रावलपिंडी की अडियाला जेल के बाहर, जहां इमरान खान बंद हैं, हजारों समर्थक रात भर डेरा डाले रहे। इनमें महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे, जो भारी संख्या में जमा थे। सभी ने इमरान खान का चेहरा दिखाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, कराची, पेशावर, क्वेटा और लाहौर जैसे प्रमुख शहरों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए। PTI नेताओं का दावा है कि ये समर्थक बड़ी संख्या में राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं। लाहौर और पेशावर में पुलिस को कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
इस्लामाबाद की ओर PTI समर्थकों के संभावित कूच की खबरों ने शहबाज शरीफ सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। सरकार को डर है कि यह स्थिति 9 मई 2023 की तरह बड़ी हिंसा और अराजकता को जन्म दे सकती है। बिगड़ते सुरक्षा हालात और सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने में मिली विफलता के बीच, पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार (27 नवंबर) को शाम 5 बजे राष्ट्रीय असेंबली का आपात सत्र बुलाने की घोषणा की।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सत्र केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि देश में बड़े और कड़े फैसले लेने की तैयारी हो सकती है। ऐसी आशंका है कि सरकार देश में आपातकाल लगा सकती है, सोशल मीडिया पर रोक लगा सकती है या फिर सेना की तैनाती का आदेश दे सकती है ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। सेना ने इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक चुप्पी साध रखी है।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने अचानक पाकिस्तानी विमानों और पारगमन (ट्रांजिट) उड़ानों के लिए अपना एयरस्पेस अस्थायी रूप से बंद कर दिया। इस अप्रत्याशित कदम से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे अंतरराष्ट्रीय कार्गो और हज रूट प्रभावित हुए हैं।
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तालिबान ने एयरस्पेस बंद करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन इस कदम को पाकिस्तान सेना द्वारा कुछ दिनों पहले अफगानिस्तान पर किए गए कथित हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के लिए एक और बाहरी तनाव जोड़ता है, जो पहले से ही आंतरिक संकट से जूझ रहा है।