इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों के लिए इस देश में दी जाती है खौफनाक सजा, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: रावलपिंडी की एक अदालत ने सोमवार को चार लोगों को सोशल मीडिया पर ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री पोस्ट करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ईशनिंदा कानूनी आयोग (LCBP) के वकील अब्दुर रहीम ने इस फैसले की जानकारी दी। बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को लेकर ऐसे कठोर फैसले आम होते जा रहे हैं। ईरान जैसे पड़ोसी देशों में भी ऐसे मामलों में सख्त सजा दी जाती है।
अब रावलपिंडी की अदालत ने भी इस प्रवृत्ति को जारी रखते हुए आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस फैसले ने ईशनिंदा कानूनों को लेकर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है, जो अक्सर विवाद और मानवाधिकार संगठनों की आलोचना का कारण बनते हैं।
पाकिस्तान में चार लोगों को ऑनलाइन ईशनिंदा सामग्री साझा करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। अब्दुर रहीम ने बताया कि इन दोषियों के खिलाफ फॉरेंसिक सबूत पेश किए गए, जो उनके अपराधों की पुष्टि करते हैं। ये सबूत कथित अपराधों में इस्तेमाल किए गए उपकरणों से प्राप्त हुए थे। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि सजा कब लागू की जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, दोषियों के परिवार इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं।
विदेश की अन्य ख़बरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामलों में फांसी की सजा दी जाने की खबरें अक्सर सामने आती हैं, लेकिन आज तक किसी दोषी को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया है। अदालतें कई बार ऐसे मामलों में फांसी की सजा सुना चुकी हैं, लेकिन अपील के बाद उन्हें माफ कर दिया गया है। इसके विपरीत, ईरान में ईशनिंदा से जुड़े कड़े कानून हैं, जहां कई लोगों को इस अपराध के लिए फांसी दी गई है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए विशेष आयोग बनाया गया है, जिसे लीगल कमीशन ऑन ब्लासफेमी पाकिस्तान (LCBP) कहा जाता है। यह आयोग इन मामलों की जांच और न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।
वहीं, पाकिस्तान के पड़ोसी देश ईरान में ईशनिंदा के अपराध के लिए सख्त कानून लागू हैं, जहां अधिकतर मामलों में दोषियों को फांसी की सजा दी जाती है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में सजा में रियायत दी जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति गुस्से में, मानसिक बीमारी के कारण, या अनजाने में ईशनिंदा करता है, तो उसे फांसी के बजाय 74 कोड़ों की सजा दी जाती है।
8 मई 2023 को, ईरान ने दो व्यक्तियों को ईशनिंदा के अपराध में दोषी पाते हुए फांसी की सजा दी थी। ऐसे मामलों में माफी मिलने की संभावना काफी कम होती है, जो यहां के कानून की कठोरता को दर्शाती है।