
लंदन में हिंदू समुदाय और खालिस्तान संगठनों में तनाव (सोर्स- सोशल मीडिया)
Indian Protest in Bangladesh High Commission London: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की हत्या अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है। हाल ही में लंदन में बांग्लादेशी हिंदुओं ने दीपु दास की हत्या और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया, ताकि हत्या के दोषियों को सजा मिले और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। लेकिन इस शांत प्रदर्शनी के बीच कुछ खालिस्तानी समर्थक वहां पहुंच गए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे दीपु दास की हत्या के खिलाफ हैं और बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा चाहते हैं। वहीं कुछ लोगों ने विरोध को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश की और खालिस्तानी समर्थकों ने वहां से नारे लगाए। इस कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसे देख कर लंदन पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
यह घटना भारत के खिलाफ बढ़ते दुश्मनी के गठजोड़ की तरफ इशारा करती है। खालिस्तानी आतंकी संगठन “सिख फॉर जस्टिस” (SFJ) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू बार-बार भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं। हाल के समय में पन्नू ने अमेरिका से एक वीडियो जारी किया जिसमें बांग्लादेश के कट्टरपंथियों का साथ दिखाया गया है। उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को तोड़कर एक नया देश बनाने की कोशिश की है, जिसे उन्होंने “ट्रम्पलैंड” नाम दिया है।
Hindus protest in front of the Bangladesh High Commission against the genocide of Hindus in the Jihadi state under @Yunus_Centre. Khalistanis gather to intimidate Hindus, screaming insidious separatist slogans. There’s no difference between Jihadis and these Khalistani dogs pic.twitter.com/QYYboHLfUp — Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) December 27, 2025
उन्होंने एक नक्शा भी जारी किया है जिसमें असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड को एक स्वतंत्र देश के तौर पर दिखाया गया है और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया है। पूर्वोत्तर भारत को अलग करने की बात पहले भी कुछ बांग्लादेशी कट्टरपंथी नेता कर चुके हैं। पन्नू भारत के खिलाफ अक्सर पाकिस्तानी चैनलों पर भी बातचीत कराते रहते हैं और भारत विरोधी काम करवाते हैं।
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2023 में क्रिकेट विश्व कप के समय उन्होंने स्टेडियम और विमानों को निशाना बनाने की धमकी दी थी, और 2025 के स्वतंत्रता दिवस पर मोदी जी को तिरंगा फहराने से रोकने वाले के लिए इनाम देने की घोषणा भी की थी। इस तरह की घटनाएं भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव पैदा करती हैं और भारत के खिलाफ खालिस्तानी और कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ते गठजोड़ को उजागर करती हैं।






