ओली की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े जेन जी (फोटो- सोशल मीडिया)
Nepal Gen Z Protest: नेपाल में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का तख्तापलट हुए एक महीना भी नहीं हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि नेपाल के जेन-जेड एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। युवाओं ने राजधानी काठमांडू में धरना-प्रदर्शन किया है। उनकी मांग है कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और गृहमंत्री रमेश लेखक को गिरफ्तार किया जाए।
नेपाल के जेन-जेड प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 8 सितंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी इन्हीं के आदेश पर हुई थी। गोलीबारी में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, जिससे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। उनका आरोप है कि इस गोलीबारी में इन दोनों नेताओं और काठमांडू के तत्कालीन मुख्य जिला अधिकारी छबी रिजाल की सीधी संलिप्तता थी।
जेन-जेड समूहों के सलाहकार डॉ. निकोलस भूषल ने काठमांडू में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अंतरिम सरकार से मांग की कि 8 सितंबर को हुए गोलीकांड में तीनों आरोपियों ओली, लेखक और रिजाल को तत्काल हिरासत में लिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि एक उच्चस्तरीय जांच आयोग गठित किया जाए, जो 1990 से अब तक के सभी शीर्ष नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्तियों की निष्पक्ष जांच करे।
इसके अलावा, जेन-जेड कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते हुए मैतीघर मंडला में धरना दिया। 8 सितंबर को भी विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत यहीं से हुई थी। जेन-जेड कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक ओली और लेखक को गिरफ्तार नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। 8-9 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में 72 लोगों की मौत हुई थी।
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वहीं, दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया है। 73 वर्षीय ओली ने संविधान दिवस के मौके पर दिए गए अपने पहले सार्वजनिक बयान में साफ किया कि सरकार ने कभी भी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था। उन्होंने दावा किया कि फायरिंग स्वचालित हथियारों से की गई थी, जबकि पुलिस के पास इस प्रकार के हथियार मौजूद ही नहीं थे। ओली ने इस घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।