ईरान की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में आग (फोटो- सोशल मीडिया)
Fire at Iran’s largest oil refinery: ईरान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां देश की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी भीषण आग लग गई, जिसके कारण पूरे देश में हड़कंप मच गया। ईरानी मीडिया के मुताबिक हादसे में एक व्यक्ति के मारे जाने का खबर है।
ईरान के डिप्टी पार्लियामेंट स्पीकर अली निकजाद ने जानकारी दी कि ऑइल रिफाइनरी में लगी आग की वजह से कई कर्मचारी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि आग रिफाइनरी की केवल एक यूनिट में लगी थी, इस कारण कुल नुकसान ज्यादा नहीं हुआ। हालांकि, संबंधित यूनिट पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई है। अबादान ऑइल रिफाइनरी, जो ईरान की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी रिफाइनरी मानी जाती है, इस हादसे की शिकार हुई है।
अबादान ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 670 किलोमीटर दूर स्थित है। इसकी स्थापना 1912 में हुई थी। यह इस्लामिक रिपब्लिक की सबसे बड़ी रिफाइनरी मानी जाती है, जहां प्रतिदिन करीब 52 लाख बैरल कच्चे तेल का प्रसंस्करण होता है, जो देश के कुल तेल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत है।
A major fire broke out at the Abadan oil refinery in Khuzestan Province.
The cause of the incident has not yet been announced.#Iran #Abadan #آبادان pic.twitter.com/8l3c35kK2d
— Farhad (@Farhadgol60) July 19, 2025
पिछले एक सप्ताह के दौरान ईरान में कई रिहायशी और व्यावसायिक इमारतों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। प्रशासन का कहना है कि इन घटनाओं के पीछे गैस रिसाव और शॉर्ट सर्किट जैसी तकनीकी समस्याएं जिम्मेदार हैं। अबादान में लगी आग को भी अभी तक एक हादसा ही माना जा रहा है। लेकिन ईरानी अधिकारी इजराइल के साथ पिछले दिनों हुए संघर्ष के चलते इसकी गंभीरता से जांच कर रहे हैं।
ईरान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक तेल व्यापार पर निर्भर है। यह देश दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों में से एक है और इसका बड़ा हिस्सा राजस्व तेल निर्यात से आता है। ईरान की राष्ट्रीय आय का लगभग 30-40% हिस्सा तेल और गैस निर्यात से प्राप्त होता है।
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हालांकि, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान के तेल निर्यात में गिरावट आई है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। इसके बावजूद, तेल उद्योग अब भी रोजगार, विदेशी मुद्रा और सरकार की आय का मुख्य स्रोत बना हुआ है। हाल के वर्षों में ईरान ने अर्थव्यवस्था को विविध बनाने की कोशिश की है, लेकिन तेल पर उसकी निर्भरता अभी भी काफी अधिक बनी हुई है।