सांकेतिक तस्वीर
China Fastest Maglev Train: चीन ने मैग्नेटिक लेविटेशन (मैग्लेव) तकनीक में नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इस टेस्ट में चीन ने एक टन वजन वाले मैग्लेव वाहन को महज दो सेकंड में 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचा दिया। यह परीक्षण चीन की 400 मीटर लंबी मैग्लेव टेस्ट लाइन पर हुआ, जहां वाहन को तेज गति से दौड़ाया गया और फिर सुरक्षित रूप से रोका गया। इसे अब तक का सबसे तेज सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रिक मैग्लेव टेस्ट माना जा रहा है।
चीन की हाई-स्पीड ट्रेनें फिलहाल करीब 350 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती हैं। इसमें 5G नेटवर्क भी होता है। तुलना करने पर, लंबी दूरी पर उड़ने वाले यात्री विमान की औसत रफ्तार 547 से 575 मील प्रति घंटा (880 से 925 किमी/घंटा) होती है। हालांकि, मैग्लेव तकनीक इससे भी कहीं तेज़ है, और यह भविष्य में यात्रा को और भी तेज बना सकती है।
मैग्लेव ट्रेन में पहिए नहीं होते। इसके बजाय, सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट ट्रेन को ट्रैक से ऊपर हवा में तैरने में मदद करते हैं, जिससे घर्षण पूरी तरह से खत्म हो जाता है और रफ्तार बहुत तेज़ हो जाती है। जब यह तकनीक कम वैक्यूम वाले पाइप में प्रयोग की जाती है, तो इसकी गति और भी अधिक बढ़ जाती है। इस कारण, मैग्लेव ट्रेनें आम ट्रेनों से कई गुना तेज चल सकती हैं।
✨🇨🇳 China’s Superconducting Maglev Train Hits 700 km/h in Just 2 Seconds – Ground-Skimming Hyperflight Era Is Here! pic.twitter.com/x697kPwYRl — 🇨🇳XuZhenqing徐祯卿 (@XueJia24682) December 25, 2025
चीन के सरकारी चैनल CCTV ने 25 दिसंबर को इस टेस्ट का वीडियो जारी किया, जिसमें वाहन तेजी से दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा था। वाहन के रुकने के बाद पीछे धुंध की लकीरें नजर आईं। इस टेस्ट से सिर्फ रफ्तार ही नहीं, बल्कि कई तकनीकी चुनौतियों का भी समाधान हुआ है। इनमें उच्च गति वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रोपल्शन, इलेक्ट्रिक सस्पेंशन, और गाइडेंस सिस्टम जैसे क्षेत्रों में सफलता मिली है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस सफलता के बाद चीन हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट की दिशा में भी और आगे बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि भविष्य में, शहरों के बीच यात्रा घंटे नहीं, बल्कि मिनटों में पूरी हो सकती है। इस तकनीक के विकास से लंबी दूरी की यात्रा और भी तेज और सुविधाजनक हो सकती है, जिससे परिवहन के क्षेत्र में एक नया युग शुरू हो सकता है।