डोनाल्ड ट्रंप, (अमेरिकी राष्ट्रपति)
Trump Tariff on Russian oil: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को उन्होंने यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे यूक्रेन में जारी संघर्ष को कमजोर करना चाहते हैं, तो उन्हें तुरंत रूस से तेल की खरीद बंद करनी होगी। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को संघर्ष को समाप्त करने के लिए समझौता करना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूरोप को रूस से तेल खरीदना बंद करना ही वास्तविक कदम होगा, क्योंकि केवल बातचीत करना पर्याप्त नहीं है।
पत्रकारों ने राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा कि क्या वे यूरोप और नाटो देशों पर रूस से तेल के आयात को रोकने का दबाव डाल रहे हैं। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह ऐसा मानते हैं, लेकिन इसमें एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि समस्या क्या है। ये देश अभी भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि वे ऐसा करें। उन्हें इसे तुरंत बंद करना चाहिए। यह हमारे लिए सही नहीं है।”
रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह एक ऐसा संघर्ष था जो कभी होना ही नहीं चाहिए था। उन्होंने इस स्थिति के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच गहरी वैमनस्यता को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने कहा कि देश संकट में है, लेकिन मैं इसे रोकने का काम करूंगा। उन्होंने बताया कि पिछले 8 महीनों में उन्होंने 7 युद्धों को रोकने में सफलता पाई है। शुरुआत में उन्हें लगा कि यह सबसे आसान काम होगा, लेकिन ऐसा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की और पुतिन के बीच बहुत गहरी नफरत है, लेकिन हम इस युद्ध को रोकने में कामयाब होंगे।
ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और रूस से तेल आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। भारत ने इसे “अनुचित” करार दिया और कहा कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा। साथ ही, ट्रंप ने नाटो सहयोगियों से चीन पर 50 से 100 प्रतिशत तक के प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। उन्होंने चीन पर रूस को वित्तीय सहायता देने और यूक्रेन युद्ध में अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने का आरोप लगाया।
यह भी पढ़ें:- डेनमार्क की PM ने मोदी को किया कॉल, भारत के साथ ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को लेकर हुई ये बात
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन जटिल मामलों को शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है और प्रतिबंध स्थिति को और जटिल बना देंगे। चीन ने यह भी दोहराया कि वह किसी युद्ध में हिस्सा नहीं लेता और न ही उसकी योजना बनाता है।