अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स छूट (Tax Exempt) का दर्जा समाप्त कर दिया है। ट्रंप ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करके दी।
डोनाल्ड ट्रंप ने 2 मई 2025 को ऐलान किया कि उनका प्रशासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स-छूट का दर्जा समाप्त करने जा रहा है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हम हार्वर्ड का टैक्स-छूट दर्जा समाप्त करने जा रहे हैं। वो इसी लायक हैं।’ ट्रंप का यह कदम हार्वर्ड जैसी प्रतिष्ठित संस्था पर सरकार की कड़ी निगरानी और नीतिगत बदलावों की ओर इशारा करता है।
ट्रंप और हार्वर्ड के बीच टकराव पुराना
डोनाल्ड ट्रंप का ये फैसले उनके और हार्वर्ड के बीच लंबे समय से चल रहें तनाव को दिखाता है। पिछले कुछ समय से ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर विविधता, समानता और समावेशन (DEI) पहलों को लेकर दबाव बनाया है, जिन्हें प्रशासन नस्लीय भेदभाव के रूप में देखता है। इसके अलावा, प्रशासन ने हार्वर्ड पर अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी की क्षमता को लेकर भी चुनौती दी है।
2.2 बिलियन डॉलर की फंडिंग पर रोक
यूनिवर्सिटी ने ट्रंप प्रशासन की मांगों का विरोध करते हुए इसे अपनी स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों का हनन बताते हुए इसकी रक्षा का संकल्प लिया है। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन गार्बर ने कहा, ‘विश्वविद्यालय अपनी स्वतंत्रता या संवैधानिक अधिकारों को नहीं छोड़ेगा।’ इसके चलते ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के लिए 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग को भी फ्रीज कर दिया है। इसका असर न केवल यूनिवर्सिटी के अनुसंधान कार्यों पर पड़ेगा, बल्कि स्कॉलरशिप और शैक्षणिक कार्यक्रमों पर भी दिखाई देगा।
ट्रंप और यूनिवर्सिटी की यह तकरार अमेरिकी उच्च शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। क्योंकि यह पहली बार है जब किसी प्रमुख विश्वविद्यालय का टैक्स-छूट दर्जा समाप्त करने की बात की गई है।
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जानकारों का मानना है कि ट्रंप का यह निर्णय सिर्फ हार्वर्ड तक सीमित नहीं रहेगा। यह अमेरिका में निजी और स्वतंत्र शिक्षण संस्थानों पर सरकारी निगरानी और नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा संकेत हो सकता है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में वैचारिक विभाजन और गहराने की उम्मीद है।