साइप्रस की विपक्षी पार्टी ने इजरायल पर लगाया आरोप (फोटो- सोशल मीडिया)
निकोसिया: इजराइल और ईरान के बीच हाल ही में सीजफायर हुआ है। इसी बीच एक बार फिर इस यहूदी देश पर उसके एक पड़ोसी ने आरोप लगाया है कि इजराइल उनके देश पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। यह देश है साइप्रस। हालांकि, इजराइल ने इस बार साइप्रस पर कब्जा करने के लिए सैन्य अभियान नहीं बल्कि जमीन खरीदकर किया है।
साइप्रस की विपक्षी पार्टी AKEL ने इजराइल पर आरोप लगाया है कि वह उनका देश छीनने की कोशिश कर रहा है। पार्टी के अनुसार, इजराइल में बढ़ती हुई साइप्रस के प्रवासियों की संख्या और रणनीतिक क्षेत्रों में जमीन खरीदने की घटनाओं के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है।
हाल ही में AKEL के अधिवेशन में पार्टी महासचिव स्टेफानोस स्टेफानू ने एक गंभीर दावा किया। उन्होंने कहा कि इजराइली नागरिक लगातार महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्रों के पास जमीन खरीद रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। स्टेफानू ने सरकार को चेतावनी दी और कहा कि उसे इस पर शीघ्र ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब इजराइल की एक योजनाबद्ध कोशिश का हिस्सा है, जिसके तहत धार्मिक संस्थान, ज़ायनिस्ट स्कूल और यहूदी पूजा स्थल बनाए जा रहे हैं। स्टेफानू ने इसे फिलिस्तीन के साथ इजराइल के पहले किए गए कार्यों से जोड़ते हुए कहा कि यहूदी नागरिकों ने जब इजराइल का निर्माण नहीं किया था, तब वे फिलिस्तीनी इलाकों में महंगे दामों पर जमीन खरीदकर बस गए थे। इसके बाद 1948 में उसी आधार पर इजराइल ने अपने देश की स्थापना का दावा किया, जिसके परिणामस्वरूप फिलिस्तीन दो हिस्सों में बंट गया।
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स्टेफानू ने इजराइल पर यह आरोप लगाया कि वे उनका देश उनसे छीनने की कोशिश कर रहे हैं, और देश की सरकार इस पर चुप है। उन्होंने इजराइल के नागरिकों, विशेषकर उनके द्वारा संपत्ति की अनियंत्रित खरीद पर रोक लगाने की मांग की। वहीं, इजराइल के राजदूत ओरन अनोलिक ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए इसे यहूदी-विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि साइप्रस की ओर से इजराइल के खिलाफ इस प्रकार की भाषा अस्वीकार्य है।