ट्रंप को टैरिफ नीति पर मिली राहत, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
वांशिगटन: अमेरिका की अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ लगाना जारी रखने की मंजूरी दे दी है। यह महत्वपूर्ण फैसला गुरुवार को अमेरिकी समयानुसार आपातकालीन शक्तियों के तहत लिया गया। ट्रंप प्रशासन ने अपनी आर्थिक नीतियों के कई हिस्सों को रद्द करने वाले सरकारी फैसलों के खिलाफ अपील दायर की थी। कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की आपातकालीन याचिका को स्वीकार करते हुए इस बात को माना कि संघीय व्यापार अदालत के फैसले पर रोक लगाना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
गौरतलब है कि प्रशासन इस फैसले के खिलाफ अपील कर रहा है। इससे पहले, बुधवार को अमेरिकी इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप की टैरिफ नीति को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। अदालत का कहना था कि राष्ट्रपति ने 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत मिले अधिकारों का अनुचित तरीके से इस्तेमाल किया है।
गुरुवार को ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया कि टैरिफ पर रोक लगाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके बाद अदालत ने अपने पहले के आदेश को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया, जिससे टैरिफ लागू रहेंगे। यह स्थिति तब तक बनी रहेगी, जब तक अपील की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति के आपातकालीन फैसलों पर अदालत को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। ऐसा ही अधिकार पहले राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को भी दिया गया था, जब उन्होंने टैरिफ लगाए थे।
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‘लिबरेशन डे’ टैरिफ नीति के अंतर्गत ट्रंप प्रशासन ने अधिकांश देशों, खासकर चीन और यूरोपीय संघ पर, आयात शुल्क लगा दिए थे। इन कदमों को लेकर बाजारों में अस्थिरता, व्यापार को लेकर अनिश्चितता और महंगाई की आशंका जैसी आलोचनाएं सामने आई हैं।
इससे पहले अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की समिति ने बुधवार को निर्णय दिया कि ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम का गलत उपयोग करते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और लगभग सभी देशों से आयात पर टैरिफ लगा कर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। यह निर्णय ट्रंप के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि उनकी अनिश्चित व्यापार नीतियों ने वित्तीय बाजारों को अस्थिर कर दिया है, जिससे व्यवसाय प्रभावित हुए हैं और महंगाई बढ़ने व आर्थिक विकास धीमा होने की चिंताएँ बढ़ गई हैं।
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भले ही सरकार यह मामला अदालत में हार जाए, फिर भी टैरिफ लागू करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल ये शुल्क प्रभावी हैं और अमेरिका अन्य देशों के साथ व्यापारिक वार्ताओं में जुटा हुआ है।