चीन-जापान तनाव के बीच आए पांडा, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
China Japan Relations: चीन और जापान के रिश्तों में आई खटास का असर अब सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक सहयोग पर भी साफ दिखने लगा है। इसी कड़ी में ‘पांडा डिप्लोमेसी’ को बड़ा झटका लगा है। टोक्यो मेट्रोपॉलिटन गवर्नमेंट ने सोमवार को घोषणा की कि उएनो जूलॉजिकल गार्डन में मौजूद जुड़वा जायंट पांडा शियाओ-शियाओ और लेई-लेई को तय समय से पहले चीन वापस भेजा जाएगा।
इन दोनों पांडा का जन्म 2021 में टोक्यो के उएनो चिड़ियाघर में हुआ था और वे जापान-चीन दोस्ती के प्रतीक माने जाते रहे हैं। मौजूदा फैसले के बाद यह 1972 के बाद पहली बार होगा जब जापान में एक भी जायंट पांडा मौजूद नहीं रहेगा। अधिकारियों के मुताबिक, पांडा को जनवरी के अंत तक चीन वापस भेजे जाने की उम्मीद है।
‘द जापान टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2026 में समाप्त होने वाले प्रजनन अनुसंधान ऋण समझौते के तहत इन पांडा को फरवरी 2026 तक जापान में रहना था। हालांकि, चीन की ओर से शेड्यूल में बदलाव किए जाने के बाद इस अवधि को लगभग एक महीने कम कर दिया गया। जापान की तरफ से रहने की अवधि बढ़ाने या नए पांडा लोन पर लेने को लेकर बातचीत की जा रही थी, लेकिन चीनी पक्ष ने भविष्य की किसी भी व्यवस्था पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब चीन और जापान के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है। पिछले महीने जापानी प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची की टिप्पणियों के बाद दोनों देशों के संबंधों में और तल्खी आई थी। जानकारों का मानना है कि इसी कूटनीतिक तनाव का असर पांडा डिप्लोमेसी पर भी पड़ा है।
पांडा डिप्लोमेसी लंबे समय से चीन की सॉफ्ट पावर रणनीति का अहम हिस्सा रही है। कानूनी तौर पर, जापान में पैदा हुए सभी पांडा भी चीन की ही संपत्ति माने जाते हैं। इससे पहले री री और शिन शिन नामक पांडा जोड़े को 2023 में चीन वापस भेजा गया था, जिन्होंने शियाओ-शियाओ, लेई-लेई और शियांग शियांग को जन्म दिया था।
इसके अलावा, जून में वाकायामा प्रीफेक्चर के एडवेंचर वर्ल्ड में पैदा हुए और पाले गए चार पांडा भी कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के चलते चीन लौट चुके हैं।
हालांकि, कुछ समय पहले तक चीन जापान को नए जायंट पांडा देने के संकेत दे रहा था। अप्रैल में चीनी विदेश मंत्रालय ने पांडा संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग में जापान की रुचि का स्वागत किया था। लेकिन मौजूदा घटनाक्रम पर जब सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि इस विषय पर संबंधित विभाग से संपर्क किया जाए।
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उएनो चिड़ियाघर प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि वह भविष्य में पांडा को होस्ट करने और चीन के साथ संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं जारी रखने का इच्छुक है, लेकिन फिलहाल हालात अनिश्चित बने हुए हैं।