पाक से खफा हुआ चीन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
बीजिंग: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर अभी भी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। 10 मई की शाम को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्षविराम की घोषणा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने आगे दावा करते हुए बताया कि दोनों देशों को व्यापारिक संबंध समाप्त करने की चेतावनी देकर हमने युद्ध को रोका।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्रंप को इस पहल के लिए धन्यवाद भी दिया। हालांकि, यह घटनाक्रम चीन को रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन सीजफायर की प्रक्रिया और इसमें अपनाए गए तरीकों से संतुष्ट नहीं है।
यह ध्यान देने योग्य है कि संघर्षविराम को लेकर भारत का रवैया शुरू से ही स्पष्ट रहा है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को संघर्षविराम की पुष्टि करते हुए बताया कि इसकी पहल पाकिस्तान ने की थी, और दोनों देशों के बीच सीधे संवाद के बाद ही इस पर सहमति बनी। उन्होंने बताया कि हुई थी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 12 मई को देश को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि संघर्षविराम पाकिस्तान के अनुरोध पर हुआ है।
वहीं, भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दिए गए ‘व्यापार की धमकी’ संबंधी दावे को भी पूरी तरह खारिज कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब अमेरिका और चीन अपने-अपने हित साधने में लगे हुए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 9 मई को अमेरिका, पाकिस्तान और भारत के बीच चल रही बातचीत के दौरान चीन में भी लगातार फोन कॉल्स हो रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को यह बिलकुल भी पसंद नहीं आया कि अमेरिका इस मुद्दे में हस्तक्षेप कर रहा था। खासतौर पर डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा और अमेरिका द्वारा श्रेय लेने से चीन पाकिस्तान से नाराज है। असल में, चीन वैश्विक स्तर पर खुद को शांति दूत के रूप में स्थापित करना चाहता है, और ऐसे में उसे यह गुस्सा था कि संकट के इस समय में पाकिस्तान ने अमेरिका से संपर्क किया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सीजफायर की घोषणा के बाद चीन ने पाकिस्तान को फोन किया। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान के बीच हुई वार्ता के बारे में जानकारी दी, जिसमें चीन ने पाकिस्तान को पूर्ण समर्थन देने की बात की। इस बयान के समय को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच कुछ देर बाद, चीन के विदेश मंत्रालय ने एक और बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की है।
हालांकि, भारत ने इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस बयान के तुरंत बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिसाइल हमले रोक दिए। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान का चीन को खुश करने के लिए बस दिखावा है।