कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली
टोरंटो: भारत और कनाडा के बीच नरमी नहीं दिख रही है। इसी बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने शुक्रवार को कहा कि एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त को संदिग्ध व्यक्ति के रूप में नामित किए गए हैं। इसके बाद देश में शेष भारतीय राजनयिक भी स्पष्ट रूप से नोटिस पर हैं। जोली ने कहा कि सरकार ऐसे किसी भी राजनयिक को बर्दाश्त नहीं करेगी जो वियना संधि का उल्लंघन करेगा। या फिर कनाडाई लोगों के जीवन को खतरे में डालेगा।
भारत ने बीते सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। साथ ही घोषणा की थी कि वह कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला रहा है। इससे पहले भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से उनका नाम जोड़ने के कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया था। लेकिन कनाडा ने कहा था कि उसने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।
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कनाडा की विदेश मंत्री मिलोनी जोली ने भारत की तुलना रूस से किया। उन्होंने कहा कि कनाडा के राष्ट्रीय पुलिस बल ने भारतीय राजनयिकों को कनाडा में हत्या, मौत की धमकी और डराने-धमकाने से जोड़ा है। मॉन्ट्रियल में उन्होंने ये भी कहा कि हमने अपने इतिहास में ऐसा कभी नहीं देखा। कनाडा की धरती पर इस स्तर का अंतरराष्ट्रीय दमन नहीं हो सकता। जोली ने जोर देते हुए कहा कि हमने यूरोप में कहीं और ऐसा देखा है। रूस ने जर्मनी और ब्रिटेन में ऐसा किया है और हमें इस मुद्दे पर दृढ़ रहना चाहिए।
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वियना संधि का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं
जब मिलोनी जोली से पूछा गया कि क्या अन्य भारतीय राजनयिक भी निष्कासित किये जायेंगे तो उन्होंने कहा कि वे स्पष्ट रूप से नोटिस पर हैं। उनमें से छह को निष्कासित कर दिया गया है, जिनमें ओटावा में उच्चायुक्त भी शामिल हैं। अन्य मुख्य रूप से टोरंटो और वैंकूवर से थे और स्पष्ट रूप से हम किसी भी राजनयिक को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो वियना संधि का उल्लंघन करेंगे।