कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ( सोर्स- सोशल मीडिया)
India Canada News: कनाडा से जबरन निकाले जा रहे भारतीय नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और 2024 में यह आंकड़ा अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है। कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) के मुताबिक, इस साल 28 जुलाई तक 1,891 भारतीय नागरिकों को देश से बाहर किया जा चुका है। यह संख्या 2019 की तुलना में लगभग तीन गुना है, जब केवल 625 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया था।
सीबीएसइ के आंकड़ों के अनुसार, भारत इस समय कनाडा से डिपोर्ट किए जाने वाले नागरिकों की सूची में दूसरे स्थान पर है। पहले नंबर पर मैक्सिकन नागरिक हैं, जिनमें से इस साल जुलाई तक 2,678 लोगों को निकाला गया। पिछले साल 1,997 भारतीयों को कनाडा से जबरन बाहर निकाला गया था, जबकि मैक्सिकन नागरिकों की संख्या 3,683 थी। वहीं, तीसरे नंबर पर कोलंबिया था, जहां से 981 लोगों को डिपोर्ट किया गया।
इस बढ़ती कार्रवाई के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में टोरंटो में एक मीडिया कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार विदेशी अपराधियों को देश से निकालने की प्रक्रिया को तेज करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “इसका छोटा जवाब है, हां। हम इसे तेज, संसाधनयुक्त और अधिक ट्रैकिंग-सक्षम बनाना चाहते हैं। यह हमारे इमिग्रेशन सिस्टम में किए जा रहे व्यापक सुधारों का हिस्सा है।”
10 अक्टूबर को पील रीजनल पुलिस (PRP) ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि वे पील क्राउन अटॉर्नी ऑफिस और CBSA के साथ मिलकर यह तय कर रहे हैं कि क्या कुछ आरोपी विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह बयान 450 मेल की चोरी से जुड़े एक मामले में आया, जिसमें करीब 400,000 कनाडाई डॉलर से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है।
यह भी पढ़ें: पेरिस में दिनदहाड़े डकैती के हड़कंप, Louvre म्यूजियम से नेपोलियन के जेवर चुरा से गए चोर, जांच जारी
इस मामले में गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में सभी भारतीय मूल के हैं सुमनप्रीत सिंह, गुरदीप चट्ठा, जशनदीप जट्टाना, हरमन सिंह, जसनप्रीत सिंह, मनरूप सिंह, राजबीर सिंह और उपिंदरजीत सिंह। इन सभी पर कुल मिलाकर 344 आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। कुल मिलाकर, कनाडा में इमिग्रेशन नीति में हो रहे बदलाव, खासकर आपराधिक मामलों में, भारतीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।