ब्राजील ने मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ के राजदूत को देश छोड़ने का दिया आदेश
पाउलो: ब्राजील की सरकार ने गुरूवार को मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ के राजदूत को देश छोड़ने का आदेश दिया है। इससे पहले निकारागुआ के राष्ट्रपति डैनियल आर्टेगा ने ब्राजील के राजदूत को देश से जाने का आदेश सुनाया था। ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने निकारागुआ के राजदूत फुल्विया पेट्रीसिया कास्त्रो माटू को निष्कासित करने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय मानागुआ से ब्राजील के राजदूत को हटाने के निकारागुआ सरकार के कदम के बदले में लिया गया। बयान में कहा गया कि राजदूत ब्रेनो दा कोस्टा मध्य अमेरिकी देश छोड़ चुके हैं।
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रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राज़ील के राजदूत को गुरुवार को सूचित किया गया था कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। सूत्र के अनुसार, माटस को पहले से ही निष्कासन का नोटिस दिया गया था और गुरुवार को उनके ब्राजील छोड़ने की उम्मीद थी।
निकारागुआ और ब्राजील के बीच ऐसे बिगड़े संबंध
निकारागुआ की सरकार ने कहा कि निकारागुआ और ब्राजील के राजदूतों ने अपने पद छोड़ दिए हैं, लेकिन उसने इस कदम के पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। कहा जा रहा है कि निकारागुआ की सैंडिनिस्टा क्रांति की 45वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल न होने के कारण दा कोस्टा को देश छोड़ने के लिए कहा गया। पिछले कुछ वर्षों में ओर्टेगा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डी सिल्वा के बीच मतभेद बढ़ गए हैं।
ये भी है वजह
इसके अलावा पिछले साल पोप फ्रांसिस के अनुरोध पर लूला ने कैथोलिक बिशप और ओर्टेगा के मुखर आलोचक रोलांडो जोस अल्वारेज की जेल से रिहाई के लिए मध्यस्थता करने का प्रयास किया था, जिसके बाद से ब्राजील और निकारागुआ के बीच संबंध बिगड़ते जा रहे हैं।
समारोह में क्यों नहीं हुए थे शामिल
लूला ने हाल ही में विदेशी पत्रकारों को बताया कि पिछले साल पोप द्वारा हस्तक्षेप करने के अनुरोध के बाद उन्होंने ओर्टेगा से बात करने का प्रयास किया था, लेकिन निकारागुआ के राष्ट्रपति ने उनकी बात स्वीकार नहीं की थी। तब से, ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने निकारागुआ के साथ संबंधों को एकदम निचले स्तर पर रखा है।
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