बलूच लड़ाके, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Baloch Liberation Army Attacks: बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दावा किया है कि उसके लड़ाकों ने बलूचिस्तान के कलात और तुर्बत में पाकिस्तानी सेना पर दो अलग-अलग हमले किए, जिनमें छह सैनिक मारे गए। संगठन का कहना है कि हमले के दौरान आधुनिक और स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया गया। बीएलए ने इन कार्रवाइयों को पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपनी ‘आजादी की जंग’ का हिस्सा बताया।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसके स्वतंत्रता सेनानियों ने कलात और तुर्बत में पाकिस्तानी सेना पर दो अलग-अलग हमले किए। बीएलए के अनुसार, उसके लड़ाकों ने कलात के ज़वाह इलाके में धावा बोला, जहां भीषण नुकसान के चलते पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटना पड़ा। संगठन ने दावा किया कि इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 6 जवान मारे गए। वहीं, तुर्बत के अबसार इलाके में एक सैन्य चौकी पर ग्रेनेड फेंककर अलग से हमला किया गया। संगठन का कहना है कि इस हमले में कई पाकिस्तानी जवान हताहत हुए और सैन्य संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा।
बीएलए का इतिहास रहा है कि वह बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और कथित खुफिया एजेंसियों पर लगातार हमले करता रहा है। इससे पहले जारी एक बयान में संगठन ने बताया था कि उसने स्नाइपर फायरिंग, ग्रेनेड हमले और ढांचागत सुविधाओं को नष्ट करने जैसी सात अलग-अलग कार्रवाइयों को अंजाम दिया है।
बीएलए का दावा है कि ज़ामुरान के तनक इलाके में उसके स्नाइपर ने पाकिस्तानी सेना के एक जवान को मार गिराया। साथ ही, एक अलग अभियान में संगठन ने सेना का एक ड्रोन भी नष्ट कर दिया। बीएलए ने इन कार्रवाइयों को पाकिस्तानी सेना पर अपने बढ़ते दबाव का सबूत बताया। इसी क्रम में 21 सितंबर को समूह ने क्वेटा के शेख जायद अस्पताल के पास एक पुलिसकर्मी को पकड़ने का दावा किया। उसके हथियार छीन लिए गए और बाद में उसे छोड़ दिया गया। उसी रात धादर के कंबारी पुल पर गैस पाइपलाइन को विस्फोटकों से उड़ा दिया गया।
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पिछले कुछ महीनों में बीएलए ने पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बलों के खिलाफ अपने हमले तेज किए हैं। संगठन अक्सर इन्हें बलूचिस्तान में आक्रामकता के खिलाफ जवाबी कार्रवाई बताता है। बीएलए द्वारा आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल और सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाने के दावे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बल कितनी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लगातार हो रहे हमले क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।