तस्वीर में पीएम मोदी और जो बाइडन
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को एक दिवसीय यूक्रेन दौरे पर गए थे। जब वह भारत वापस लौटे तो 26 अगस्त दिन मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और पीएम मोदी की फोन पर बात हुई। इसके बाद दोनों देशों की ओर से बताया गया कि दोनों राष्ट्र प्रतिनिधियों के बीच क्या बात हुई। इस पर दोनों ने अलग-अलग बयान जारी किया।
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट पर पोस्ट के माध्यम से बताया कि जो बाइडन से हमारी बात बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा मुद्दों पर बात हुई। तो वहीं अमेरिका के बयान से बांग्लादेश का मुद्दा गायब है।
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भारत के बयान में क्या कहा गया
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और अमेरिका के राष्ट्र प्रमुखों ने बांग्लादेश के मुद्दे पर चिंता जाहिर की। साथ ही व्यवस्था के फिर से स्थापित होने पर जोर दिया ताकि अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनश्चित की जा सके।
चर्चा क्या है
अब यहां चर्चा की जो मेन मुद्दा है वो ये है कि आखिर अमेरिका के बयान में बांग्लादेश का जिक्र क्यों नहीं है? अब इस मुद्दे पर भारत से बांग्लादेश तक साथ ही विदेश मामले के पत्रकारों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसको लेकर बहस है कि भारत ने जो बात कही उस पर अमेरिका चुप क्यों है।
Why does the press release from the White House not mention Bangladesh while our press note does? pic.twitter.com/Da19ckS93v
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) August 27, 2024
विपक्ष ने उठाया सवाल
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि अगर हमारे प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था तो जो बाइडन को क्यों ये जरूरी क्यों नहीं लगा कि इसे प्रेस नोट में बताया जाए। उन्होंने आगे कहा कि जब हमारे प्रेस नोट में बांग्लादेश का जिक्र है तो अमेरिका के प्रेस नोट में क्यों नहीं है?
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दिया जवाब
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के इस सवाल का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार कंचन गुप्ता ने इसका जवाब दिया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर लिखा कि बाइडन, मोदी की बातचीत को पवन खेड़ा गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। भारत सरकार की प्रेस रिलीज में कही गई हर बात पर चर्चा हुई ओर इसमें बांग्लादेश के हालात पर हुई चर्चा भी शामिल है।
Two official statements side by side ! pic.twitter.com/23FN99iSim
— BNP Media Cell (@BNPBdMediaCell) August 26, 2024
विपक्ष को चुन रहने की सलाह
भारत सरकार का बयान बातचीत को सही ढंग से पेश करता है। ऐसा होता है कि बातचीत के बाद दो देश अलग-अलग बयान जारी करते हैं। जिन मुद्दों पर बात हुई उनमें से कुछ का जिक्र बयान में हो सकता है और कुछ का नहीं। वहीं पूर्व विदेश सचिव और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कंवल सिब्बल ने इस मामले में X पर लिखा कि अगर किसी को कूटनीति से जुड़ी परंपराओं की जानकारी नहीं है तो बेहतर है वो चुप रहें।
भारत-अमेरिका के बयान में फर्क बांग्लादेश
खैर ये तो हो गई भारत की बात। लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत और अमेरिका की प्रेस रिलीज में फर्क को सिर्फ भारत में ही नोटिस किया गया। बल्कि बांग्लादेश में भी मुख्य विपक्षी दल बीएनपी यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी के सोशल मीडिया हैंडल्स की ओर से दोनों देशों के बयान को एक साथ शेयर किया गया। लिखा गया- दो आधिकारिक बयान एक-दूसरे के साथ-साथ।
पत्रकार ने बताया शर्मनाक
वहीं विदेश मामले के जानकार पत्रकार आदित्य राज कौल ने इस पोस्ट को को री-पोस्ट करते हुए लिखा, बांग्लादेश में हिंदुओं पर भारतीय पीएम के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की हुई बातचीत को अमेरिका ने अपने बयान में जगह नहीं दी तो खालिदा की पार्टी कटाक्ष कर रही है। एक तरह से बांग्लादेश की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी अल्पसंख्यकों का मखौल उड़ा रही है। यह शर्मनाक है।
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बता दें कि पांच अगस्त को जब शेख हसीना के हाथ से बांग्लादेश की सत्ता चली गई थी, उसके बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं बांग्लादेशिया के बहुसंख्यकों द्वारा अत्याचार किए जा रहे है। तभी से अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा पर बहस हो रही है।