बांग्लादेश जेट क्रैश में 32 की मौत, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
ढाका: बांग्लादेश में सोमवार को एक भीषण विमान दुर्घटना हुई, जब वहां की वायुसेना का चीन में निर्मित एफ-7 फाइटर जेट क्रैश हो गया। यह जेट एक कॉलेज और स्कूल के कैंपस पर गिरा, जिससे कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर छात्र शामिल थे। हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं।
इस दुखद घटना के बाद भारत ने मानवीय सहायता के तहत बांग्लादेश की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने बर्न स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, नर्सों की एक टीम और जरूरी राहत सामग्री बांग्लादेश रवाना की है, ताकि घायलों का बेहतर इलाज किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया था। इसके बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत घायलों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास करेगा। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “जल्द ही विशेषज्ञ डॉक्टरों, बर्न स्पेशलिस्ट्स और नर्सों की एक टीम आवश्यक चिकित्सीय उपकरणों के साथ ढाका जाएगी ताकि घायलों का बेहतर इलाज किया जा सके।”
बयान में कहा गया है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम मरीज की हालत की जांच करेगी। यदि जरूरत पड़ी, तो उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि प्रारंभिक इलाज और जांच के नतीजों के आधार पर कुछ और मेडिकल टीमें भी ढाका भेजी जा सकती हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि जो टीम भेजी जा रही है, उसमें दिल्ली के दो डॉक्टर शामिल हैं जो एक राम मनोहर लोहिया अस्पताल से और दूसरा सफदरजंग अस्पताल से। दोनों ही डॉक्टर जलने के मामलों के इलाज में विशेषज्ञता रखते हैं। इसके अलावा, आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण भी साथ भेजे जा रहे हैं।
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बांग्लादेश वायुसेना ने हादसे के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। सेना ने पुष्टि की है कि इस दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर अब 32 हो चुकी है। इससे पहले विशेष सलाहकार सईदुर रहमान ने मीडिया को जानकारी दी थी कि मरने वालों में कम से कम 25 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इनमें कई बच्चे 12 वर्ष से भी छोटे थे, जिनकी मौत गंभीर जलने की वजह से हुई। अधिकारियों का मानना है कि मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।