मुहम्मद यूनुस, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh Jail Deaths: बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी अवामी लीग ने बुधवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में देश भर में जेल और पुलिस हिरासत में मौतों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। पार्टी का दावा है कि हिरासत अब सुरक्षा का स्थान नहीं बल्कि डर और असुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है।
अवामी लीग के अनुसार, उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों में गिरफ्तार किया जा रहा है और बाद में संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो रही है। पार्टी ने आरोप लगाया कि इन मौतों को बीमारी या आत्महत्या बताकर मामलों को दबाने की कोशिश की जाती है, जबकि वास्तविकता इससे कहीं अधिक गंभीर है।
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हिरासत का उद्देश्य सुधार और कानून के तहत सुरक्षा होना चाहिए था लेकिन यूनुस सरकार के दौरान यह व्यवस्था पूरी तरह विफल होती दिख रही है। अवामी लीग का कहना है कि सरकार न तो इन मौतों को लेकर पारदर्शी है और न ही किसी प्रकार की जवाबदेही तय की जा रही है।
अवामी लीग ने स्पष्ट किया कि यह केवल मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा नहीं है, बल्कि मौतों का एक स्पष्ट और खतरनाक पैटर्न है जिसमें बार-बार पार्टी के कार्यकर्ता और नेता ही निशाना बनते नजर आ रहे हैं। बयान में कहा गया कि कई बंदियों को लंबे समय तक हिरासत में रखा गया उन्हें पर्याप्त मेडिकल सुविधा नहीं दी गई और उनकी मौतों के बाद कोई ठोस जांच नहीं हुई।
पिछले वर्ष के आंकड़ों का हवाला देते हुए अवामी लीग ने बताया कि यूनुस सरकार के कार्यकाल में कम से कम 119 लोगों की मौत जेल में हुई, जबकि 21 लोग पुलिस हिरासत में मारे गए। इसके अलावा, 26 लोगों की मौत गैर-कानूनी कार्रवाइयों में और 106 लोगों की जान राजनीतिक हिंसा से जुड़ी घटनाओं में गई। पार्टी का कहना है कि ये आंकड़े कानून-व्यवस्था और हिरासत प्रबंधन में गंभीर विफलता को उजागर करते हैं।
अवामी लीग ने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार बदलाव और सुधार के वादे के साथ सत्ता में आई थी लेकिन उसने न केवल इन वादों को पूरा करने में विफलता दिखाई बल्कि जनता को गुमराह भी किया। पार्टी के अनुसार, सरकार ने दखल देने, स्वतंत्र जांच कराने और सुधार लागू करने के बजाय चुप्पी और इनकार का रास्ता चुना।
यह भी पढ़ें:- जिंदा जलाया गया हिंदू युवक, बांग्लादेश की बर्बरता पर ब्रिटेन में उठा तूफान; जानें क्या कुछ हुआ?
बयान के अंत में कहा गया कि आज के बांग्लादेश में गिरफ्तारी अब कानून की सुरक्षा का संकेत नहीं रह गई है बल्कि यह एक ऐसे राज्य की तस्वीर पेश करती है जिसने हिरासत में बंद लोगों को जिंदा रखने की अपनी बुनियादी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है।