हमले की एक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistan Chemical Weapon Controversy: बलूचिस्तान में सुरक्षा अभियान और मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर लंबे समय से विवाद जारी है, लेकिन इस बार आरोप और भी गंभीर हैं। बलूच अलगाववादी नेता मीर यार बलूच ने पाकिस्तान सेना और उसके चीफ असीम मुनीर पर नागरिक आबादी के खिलाफ केमिकल और फॉस्फोरस आधारित हथियारों के प्रयोग का आरोप लगाया है। उनके दावों ने क्षेत्रीय तनाव को एक बार फिर हवा दे दी है।
मीर यार, जो लंबे समय से स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग उठाते रहे हैं, ने कहा कि हाल के हफ्तों में बलूचिस्तान के कई जिलों में हुए हवाई अभियानों के बाद स्थानीय लोगों ने जमीन, चट्टानों, पेड़ों और मलबे पर जली हुई पाउडर जैसी सामग्री देखी है। उनके अनुसार, यह किसी रासायनिक प्रतिक्रिया का संकेत है जो पारंपरिक हथियारों से नहीं होता।
उन्होंने आरोप लगाया कि कलात, खुजदार, मंगचर, बोलन, कोहलू, कहान, चगाई, पंजगुर और नोश्की जैसे क्षेत्रों में सेना ने हवाई निगरानी बढ़ा दी है और कई गांवों पर ड्रोन हमले किए गए हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि मिसाइल गिरते ही आग असामान्य तेजी से फैल गई, जो व्हाइट फॉस्फोरस जैसे पदार्थों की मौजूदगी दर्शाती है।
Breaking News; 🚨
Pakistan is using CHEMICAL WEAPONS against Baloch people in Republic of Balochistan.
21 November 2025 The Republic of Balochistan has received credible reports of multiple drone strikes conducted across several regions of Balochistan. We call upon… pic.twitter.com/vDvpbQedyW — Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) November 20, 2025
बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि व्हाइट फॉस्फोरस, केमिकल स्मोक एजेंट और अन्य प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है, क्योंकि नागरिक इलाकों में इनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। विशेषज्ञों के अनुसार, हमलों के बाद पाए गए जलने के पैटर्न और रासायनिक कणों से संकेत मिलता है कि यह साधारण गोला-बारूद नहीं था।
अंतरराष्ट्रीय कानून भी इन आरोपों को गंभीर बनाता है। ‘केमिकल वेपन्स कन्वेंशन’ (CWC) के तहत कोई भी देश केमिकल हथियारों का विकास, उत्पादन, स्टॉकिंग या उपयोग नहीं कर सकता। पाकिस्तान CWC का साइनटरी है, और उसे हर गतिविधि की जानकारी OPCW को देनी होती है।
यदि जांच में पुष्टि होती है कि पाकिस्तानी सेना ने नागरिक क्षेत्रों में केमिकल हथियारों का उपयोग किया, तो पाकिस्तान को गंभीर अंतरराष्ट्रीय परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध, युद्ध अपराध मामलों में कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की जांच शामिल हो सकती है।
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मीर यार ने संयुक्त राष्ट्र, OPCW और वैश्विक मानवाधिकार संगठनों से त्वरित जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि बलूच नागरिक लगातार दमन झेल रहे हैं और अब केमिकल अटैक की घटनाएं सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए सीधा खतरा हैं।