इस्कॉन मंदिर के खिलाफ टिप्पणियों के बाद हिंसा (कांसेप्ट फोटो- सौ. से सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। देश में कहीं न कहीं से उनके खिलाफ हिंसा की खबरें आती ही रहती हैं। बुधवार को ऐसी ही खबर देश के दक्षिण-पूर्व में स्थित बंदरगाह शहर चटगांव से आई, जहां एक इस्कॉन मंदिर के खिलाफ टिप्पणियों के बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसा को रोकने के लिए सेना के नेतृत्व में संयुक्त बलों ने बुधवार को शहर के कुछ हिस्सों में चकौसी की। सेना के पहुंचने के बाद शहर में तनावपूर्ण शांति कायम हो गई।
दरअसल हिंसा तब शुरू हुई जब एक मुस्लिम दुकानदार ने अपने सोशल मीडिया पर इस्कॉन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसमें कई लोग घायल हो गए। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि एक व्यापारी उस्मान अली द्वारा फेसबुक पर इस्कॉन को आतंकवादी समूह बताए जाने के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया। हजारी गली में रहने वाले लोग मुख्य रूप से हिंदू हैं जो आभूषण की दुकानें और दवा के थोक विक्रेता चलाते हैं।
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शहरवासियों ने बताया कि इस्कॉन के बारे में इस टिप्पणी को लेकर रात भर देर तक बहस होती रही। इस बाद घटनास्थल पर सेना, सीमा रक्षकों, बांग्लादेश के अर्धसैनिक बलों और पुलिस अधिकारियों के हमलों में कई लोग घायल हो गए। इस दौरान हजारी गली इलाके में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
बता दें कि बुधवार को घटना की जानकारी देते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल फिरदौस अहमद ने बताया कि खबर के बाद अली की दुकान के बाहर भीड़ जमा हो गई और अली के साथ उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि गुस्साई भीड़ ने पास की इमारतों से आभूषण बनाने वाला तेजाब और टूटी कांच की बोतलें सुरक्षा बलों पर फेंकी, जिससे पांच सैनिक और सात पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
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दरअसल अहमद ने कहा कि संयुक्त सुरक्षा बलों ने 80 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और अपराधियों की पहचान करने और कानूनी कार्रवाई की तैयारी के लिए स्थानीय खुफिया और निगरानी फुटेज की समीक्षा कर रहे हैं। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा है कि कुछ हिंदू समुदाय के नेताओं ने शहर में व्यापक हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को मौके पर मौजूद रहने का आह्वान किया था।