मोहम्मद युनुस (सोर्स-सोशल मीडिया)
ढाका: बांग्लादेश सरकार ने एक बार फिर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को नजरअंदाज करने की कोशिश की है। या फिर यूं कहें कि मोहम्मद युनुस बैकफुट पर आ गए हैं। बांग्लादेशी सरकार ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को राजनीति से प्रेरित बताया है। शनिवार को एक पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि ये हमले सांप्रदायिक नहीं थे। बांग्लादेश पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय से संपर्क बनाए रखने और सांप्रदायिक हिंसा की सीधी शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है।
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की प्रेस शाखा ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि पुलिस ने यह जांच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के दावे के बाद की है। इस दावे के मुताबिक, आरक्षण विरोधी आंदोलन के बीच पिछले साल 5 अगस्त को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने से एक दिन पहले से लेकर इस साल 8 जनवरी तक सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जिनमें 1,452 घटनाएं 5 अगस्त, 2024 को हुईं, जब हसीना सरकार सत्ता से बेदखल हुई थी। 4 अगस्त को कम से कम 65 घटनाएं और 6 अगस्त को 70 घटनाएं हुईं।
बयान के मुताबिक, इनमें से 1,769 घटनाएं हमलों और तोड़फोड़ से जुड़ी थीं, पुलिस ने अब तक दावों के आधार पर कुल 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच के आधार पर कम से कम 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, बयान में दावा किया गया है कि जांच में पाया गया कि ज्यादातर मामलों में हमले सांप्रदायिक प्रकृति के नहीं थे, बल्कि राजनीति से प्रेरित थे। इसमें कहा गया है कि पुलिस जांच में पता चला है कि 1,234 घटनाएं राजनीतिक प्रकृति की थीं। 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं और कम से कम 161 दावे झूठे या फर्जी थे।
बयान के अनुसार, 5 अगस्त, 2024 से 8 जनवरी, 2025 तक पुलिस को परिषद के दावे के अलावा सांप्रदायिक हिंसा की 134 शिकायतें मिलीं। इसमें कहा गया है कि पुलिस ने सभी शिकायतों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की और कम से कम 53 मामले दर्ज किए और 65 आरोपियों को गिरफ्तार किया। बयान के अनुसार, पिछले साल 4 अगस्त से सांप्रदायिक हिंसा की शिकायतों के आधार पर कुल 115 मामले दर्ज किए गए हैं और इन मामलों में कम से कम 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
रिपोर्ट तैयार करने से पहले, बांग्लादेश पुलिस ने परिषद द्वारा दावा की गई कथित सांप्रदायिक घटनाओं की एक सूची तैयार की और हिंसा का सामना करने वाले हर व्यक्ति से बात की। पुलिस ने हर उस जगह, हर प्रतिष्ठान का दौरा किया, जहां ये घटनाएं हुईं। बयान के अनुसार, बांग्लादेश पुलिस ने अब सांप्रदायिक हिंसा की शिकायतें प्राप्त करने और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं के संपर्क में रहने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है।
विदेश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मोहम्मद यूनुस सरकार ने यह भी कहा है कि देश में सांप्रदायिक हमलों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। इसने पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। इसने कहा कि अंतरिम सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है। पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर कई हमले हुए हैं और उनके घरों और धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। भारत ने इन घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।