पाकिस्तानी गायक आतिफ असलम का 13 दिसंबर को ढाका में होने वाला कॉन्सर्ट रद्द (सोर्स- सोशल मीडिया)
Atif Aslam Dhaka Concert: पाकिस्तानी गायक आतिफ असलम का ढाका में होने वाला कॉन्सर्ट रद्द होने से पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते सांस्कृतिक संबंधों पर एक नया सवाल खड़ा हो गया है। आतिफ असलम को 13 दिसंबर को ढाका में प्रस्तुति देनी थी, लेकिन आयोजक आवश्यक अनुमति और सुरक्षा मंजूरी नहीं जुटा पाए। यह घटनाक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिसंबर के संवेदनशील महीने में हुआ है, जब बांग्लादेश अपने विजय दिवस (Victory Day) की तैयारी कर रहा है और 1971 के मुक्ति संग्राम की यादें ताजा हैं।
आतिफ असलम ने खुद अपने फेसबुक पोस्ट में कॉन्सर्ट रद्द होने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रमोटर्स और मैनेजमेंट बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आवश्यक स्थानीय अनुमति, सुरक्षा मंजूरी और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था नहीं करा पाए, जिसके कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि वे 13 दिसंबर को प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। सुरक्षा चिंताओं के साथ ही, इस समय एक पाकिस्तानी कलाकार का ढाका में प्रस्तुति देना कई स्थानीय लोगों और समूहों को नागवार गुजरा, जिससे तनाव बढ़ गया था।
यह कॉन्सर्ट ऐसे समय में निर्धारित किया गया था जब बांग्लादेश 16 दिसंबर को अपना विजय दिवस मनाता है। यह दिन 1971 के मुक्ति संग्राम की समाप्ति और पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की याद दिलाता है, जिसके बाद बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा था।
16 दिसंबर, 1971 को 93 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। इस ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से संवेदनशील समय में पाकिस्तानी सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना कई लोगों को उचित नहीं लगा।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पाकिस्तान, भारत-बांग्लादेश संबंधों में आई तल्खी का फायदा उठाकर बांग्लादेश के साथ अपने लोगों-से-लोगों के रिश्ते मजबूत करने की सक्रिय कोशिशें कर रहा है।
इसके तहत पाकिस्तानी कलाकारों और सांस्कृतिक दलों के ढाका दौरे बढ़ रहे हैं, छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किए गए हैं और इस्लामी एकजुटता के नाम पर अभियान चलाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इन सांस्कृतिक कदमों का इस्तेमाल दक्षिण एशिया में भारत के प्रभाव को कम करने और बांग्लादेश के भीतर अपने सॉफ्ट पावर को बढ़ाने के लिए कर रहा है।
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इस बीच, बांग्लादेश में राजनीतिक मोर्चे पर बड़े बदलाव की तैयारी है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद नोबेल विजेता प्रोफेसर मुहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार देश चला रही है।
अब 12 फरवरी 2026 को देश में आम चुनाव होने हैं। इसी दिन जुलाई चार्टर पर राष्ट्रीय जनमत संग्रह भी होगा, जिसमें कई बड़े संवैधानिक सुधारों का प्रस्ताव है। यह चुनाव और जनमत संग्रह बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।