सांकेतिक तस्वीर ( सो. एआई)
अमेरिका, जिसे दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना जाता है। उस पर अब तक के सबसे भयावह जलजले (भूकंप) का खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर यह भूकंप आया, तो करीब 1000 फीट ऊंची सुनामी की लहरें उठ सकती हैं, जिसके बाद तबाही की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
वर्जीनिया टेक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक शोध में आगाह किया है कि कैस्केडिया सबडक्शन जोन में यदि शक्तिशाली भूकंप आता है, तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, अगले 50 वर्षों में इस क्षेत्र में 8.0 तीव्रता का भूकंप आने की 15% संभावना है। ऐसे भूकंप की स्थिति में अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित शहरों के लगभग 6.5 फीट तक जमीन में धंसने की आशंका है। इससे सिएटल, पोर्टलैंड, अलास्का और हवाई जैसे शहरों को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
सामान्य सुनामी की तुलना में मेगा सुनामी कहीं अधिक विनाशकारी होती है। जहां सामान्य सुनामी की लहरें केवल कुछ फीट ऊंचाई की होती हैं, वहीं मेगा सुनामी की लहरें सैकड़ों फीट तक ऊंची हो सकती हैं। ये विशाल लहरें आमतौर पर बड़े समुद्री घटनाओं जैसे शक्तिशाली भूकंप, विशाल भूस्खलन या ज्वालामुखी विस्फोट के कारण उत्पन्न होती हैं। कैस्केडिया सबडक्शन जोन, जो उत्तरी वैंकूवर द्वीप से लेकर कैलिफोर्निया के केप मेंडोसिनो तक लगभग 700 मील तक फैला हुआ है, जो उत्तरी अमेरिका का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है।
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इस क्षेत्र में आखिरी भूकंप 26 जनवरी 1700 को आया था, जिसकी तीव्रता 9.0 थी। वहीं, पिछले 10,000 सालों की अगर बात की जाए तो इस क्षेत्र में कुल 43 भूकंप दर्ज किए गए हैं। 26 जनवरी 1700 को आए इस शक्तिशाली भूकंप के कारण तटीय इलाकों में जमीन धंस गई और एक विशाल सुनामी आई।
अध्ययन की प्रमुख लेखिका टीना दुरा के अनुसार, ऐसे भूकंपों के बाद तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की सीमा बढ़ जाती है और सामान्य स्थिति में लौटने में काफी समय लग सकता है। सबसे अधिक खतरा दक्षिणी वाशिंगटन, उत्तरी ओरेगन और उत्तरी कैलिफोर्निया क्षेत्रों को है।इसके अलावा अलास्का और हवाई भी खतरे की जद में हैं। एक मेगा सुनामी की लहरें कई मील अंदर तक फैल सकती हैं, जिससे तटीय सुरक्षा तंत्र पूरी तरीके से नष्ट हो सकता है जिसके बाद लोगों के पास सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए बहुत कम समय बचेगा।