अमेरिका बना रहा है ‘वैश्विक जाल’, (डिजाइन फोटो)
Middle East US Army: अमेरिका दुनिया का वो देश है जो सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि रणनीति से भी दुनिया को कंट्रोल करता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका 80 देशों में करीब 750 सैन्य ठिकानों को कंट्रोल करता है इनमें एयरबेस, नेवी बेस और आर्मी पोस्ट शामिल हैं. हालांकि रक्षा विभाग पेंटागन ने अभी तक पूरा डाटा सार्वजनिक नहीं किया है, इसलिए यह संख्या और ज्यादा हो सकती है।
अमेरिका के पास 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जिनमें से लगभग 13% यानी 1.72 लाख सैनिक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में तैनात हैं. अब अमेरिका चार नए सैन्य अड्डे बनाकर अपनी वैश्विक सैन्य मौजूदगी को और विस्तार देने की योजना बना रहा है.
अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित बगराम एयरबेस पहले सोवियत संघ द्वारा 1950 के दशक में बनाया गया था. 2001 में 9/11 हमलों के बाद अमेरिका ने इसका कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया और इसे नाटो का प्रमुख सैन्य ठिकाना बना दिया। यहां कभी 30,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात रहते थे. बेस पर दो 11,000 फीट लंबे रनवे, 110 से ज्यादा विमान शेल्टर, ईंधन डिपो, अस्पताल और इंटेलिजेंस सेंटर मौजूद हैं। भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान बेहद रणनीतिक है ईरान, पाकिस्तान, चीन और रूस की सीमाओं के नजदीक होने के कारण यह दक्षिण एशिया का सबसे अहम बेस माना जाता है.
अमेरिका अब गाजा बॉर्डर के पास एक विशाल सैन्य अड्डा बनाने की योजना पर काम कर रहा है. यह बेस 10,000 सैनिकों के लिए तैयार किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 500 मिलियन डॉलर (₹4,000 करोड़) बताई जा रही है। यहां अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को तैनात किया जाएगा ताकि गाजा में शांति और सीजफायर बनाए रखा जा सके. यह इजराइल के लिए ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है, क्योंकि वह अपने इलाके में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी की इजाजत बहुत कम देता है।
रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास अपने सैनिकों को तैनात करने की तैयारी में है. इसका उद्देश्य इजराइल-सीरिया सुरक्षा समझौते की निगरानी और मानवीय सहायता संचालन को मजबूत करना है. संभावना है कि अमेरिका मेजेह एयरबेस या ब्लेई एयरपोर्ट को अस्थायी ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करेगा.
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के सलाहकार अली अकबर वेलयाती के मुताबिक, अमेरिका चाबहार और ग्वादर बंदरगाहों के आसपास नया बेस बनाना चाहता है। यह इलाका अरब सागर और ओमान की खाड़ी के बीच स्थित है जो दुनिया की एनर्जी सप्लाई लाइन का सबसे अहम मार्ग है। अमेरिका का उद्देश्य यहां चीन के ग्वादर प्रोजेक्ट के प्रभाव को काउंटर करना और ईरान-पाकिस्तान पर नजदीकी निगरानी रखना है।
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जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में मिडिल ईस्ट में अमेरिका के करीब 19 लोकेशन पर 40,000 से 50,000 सैनिक तैनात हैं। अमेरिका के स्थायी बेस बहरीन, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और यूएई में हैं जो पूरे मध्य पूर्व में अमेरिकी प्रभाव को सुनिश्चित करते हैं।