किम ने दिखाई ट्रंप को ताकत दागी क्रूज मिसाइल, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
सियोल: उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने एक महत्वपूर्ण क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है, जो परमाणु हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने की उसकी क्षमता को दर्शाता है। यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका से बढ़ते खतरे का मुकाबला करने का संकल्प लिया था। सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने देश के पश्चिमी तट पर हुए इस मिसाइल परीक्षण का निगरानी भी किया।
उत्तर कोरियाई केंद्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार, इन मिसाइल प्रक्षेपणों का मकसद उन दुश्मनों को चेतावनी देना है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं और तनाव बढ़ा रहे हैं। एजेंसी ने बताया कि यह परीक्षण उत्तर कोरियाई सेना की जवाबी हमले की क्षमता और परमाणु संचालन की तत्परता को दर्शाने के लिए किया गया है। यह इस वर्ष उत्तर कोरिया द्वारा किया गया चौथा मिसाइल परीक्षण है और डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल में दूसरा परीक्षण है।
रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग-उन ने परीक्षण के नतीजों पर संतोष जताते हुए कहा कि उनकी सेना को युद्ध और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए। उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने बीते शनिवार को आरोप लगाया कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से अमेरिका और उसके सहयोगी देश उत्तर कोरिया के खिलाफ गंभीर सैन्य उकसावे की कार्रवाइयाँ कर रहे हैं।
विदेश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री ने बीते शनिवार को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर उकसावे की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर कड़ी आपत्ति जताई। उल्लेखनीय है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान तीन बार उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से मुलाकात की थी। अब अपने संभावित दूसरे कार्यकाल में भी ट्रंप ने किम से मिलने की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि, उत्तर कोरिया की ओर से अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, और वह अमेरिका के प्रति आक्रामक रुख बनाए हुए है। किम जोंग उन पर रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन करने के लिए अपने सैनिक भेजने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। ऐसे में फिलहाल किम का रुख ट्रंप के प्रस्ताव को लेकर ठंडा ही रह सकता है।