सुनीता विलियम्स (सोर्स- सोशल मीडिया)
इंटरनेशनल डेस्क: नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद अंतरिक्ष यात्री सुनीता एल विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर धरती पर लौट रहे हैं। सुनीता और विल्मोर को लेकर स्पेसक्राफ्ट धरती की ओर निकल चुका है। लेकिन देखा जाए तो धरती पर सुनीता की लैंडिंग आसान नहीं होने वाली है। वैज्ञानिकों की मानें तो एक छोटी सी गलती से स्पेसक्राफ्ट भस्म हो सकता है और सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जान ले सकती है।
दरअसल, स्पेसक्राफ्ट जब पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होता है तो उसकी स्पीड कम हो जाती है। इस दौरान अगर स्पेसक्राफ्ट का एंगल बदलने के चलते उसमें घर्षण शुरू होगा, जिससे देखते ही देखते स्पेसक्राफ्ट में आग लग सकती है। अगर ऐसा हुआ तो सुनीता और विल्मोर की जान ख़तरे में पड़ सकती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो उसे पुनः प्रवेश कहते हैं। इसे सबसे कठिन समय माना जाता है। पुनः प्रवेश के दौरान ड्रैगन कैप्सूल की गति कम होने लगती है। ऐसे में अगर अंतरिक्ष यान का कोण बदलता है, तो घर्षण के कारण उसका तापमान बढ़ सकता है।
कहा जा रहा है कि इस दौरान अंतरिक्ष यान के अंदर 1500 डिग्री सेल्सियस से अधिक का तापमान होगा। अगर ऐसा हुआ, तो गर्मी के कारण अंतरिक्ष यान जल भी सकता है, जिससे अंतरिक्ष यात्री भाप में बदल जाएंगे।
अंतरिक्ष में ड्रैगन की न्यूनतम गति 28,000 किलोमीटर/घंटा है। पुनः प्रवेश के दौरान ड्रैगन कैप्सूल की गति कम होने लगेगी। यही वजह है कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष से पृथ्वी पर आने के समय को सबसे कठिन समय मानते हैं। इस दौरान अगर अंतरिक्ष यान का कोण बन पाता है, तो अंतरिक्ष यान का घर्षण बहुत बढ़ जाएगा। बहुत अधिक गर्मी पैदा होगी। वहीं अगर यह पृथ्वी के वायुमंडल को पार कर जाता है तो अंतरिक्ष यान आसानी से समुद्र में उतर सकता है।
देश और दुनिया की सभी बड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लॉन्च एबॉर्ट सिस्टम क्रू को रॉकेट से अलग करता है। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर यह काम आता है। थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम गर्मी से बचाने में मददगार है। यह री-एंट्री के दौरान काम आएगा। ऑटोनॉमस ऑपरेशन खुद ऑपरेट करने में सक्षम है। यह कैमरे, जीपीएस, रडार से लैस है। सूट-सीट सिस्टम आग के खिलाफ कारगर है। गर्मी कम करता है।