प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- सोशल मीडिया
SIR in West Bengal: पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। राज्य के कई सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अधिकारी उन्हें नियमित शिक्षण कार्य से छूट दिए बिना बूथ-लेवल ऑफिसर के तौर पर काम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में SIR (मतदाता सूची पुनरीक्षण) प्रक्रिया लगातार विवादों में है। राज्य के सरकारी स्कूलों से जुड़े शिक्षक, जो इस प्रक्रिया में बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने चुनाव आयोग (EC) से शिकायत की है। शिक्षकों का आरोप है कि अधिकारी चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान नहीं कर रहे हैं और उन्हें नियमित शिक्षण कार्य से छूट नहीं दे रहे हैं।
शिक्षकों ने शिकायत की है कि उन्हें पहले हाफ में नियमित शिक्षण कार्य में शामिल होने के लिए ‘मजबूर’ किया जाता है और फिर दूसरे हाफ में बीएलओ ड्यूटी के लिए भेज दिया जाता है। शिक्षकों का कहना है कि इस दोहरी जिम्मेदारी के कारण काम का बहुत ज्यादा प्रेशर बढ़ रहा है। साथ ही, इससे वोटरों के बीच बांटे जाने वाले फॉर्म इकट्ठा करने, उन फॉर्म का डिजिटाइजेशन करने और बीएलओ ऐप के जरिए अपलोड करने की प्रक्रिया पर भी असर पड़ रहा है।
शिक्षकों द्वारा चुनाव आयोग में यह शिकायत ऐसे समय में दर्ज कराई गई है जब पश्चिम बंगाल में बीएलओ के आत्महत्या के मामलों ने लगातार तूल पकड़ा है। कथित तौर पर, शनिवार को भी एक महिला शिक्षक, जो बीएलओ की जिम्मेदारी भी निभा रही थीं, ने आत्महत्या कर ली। यह राज्य में आत्महत्या का दूसरा मामला था। इस घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुख व्यक्त किया और बीएलओ के आत्महत्या के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात कही है। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग जल्द ही राज्य सरकार से बात करेगा और उन्हें शिक्षकों को उनके नियमित शिक्षण कार्य से हटाकर बीएलओ की ड्यूटी करने का निर्देश देगा।
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इसके अलावा, बीएलओ ने चुनाव आयोग से फॉर्म अपलोड के समय सर्वर की धीमी गति की भी शिकायत की है। इस तकनीकी समस्या पर सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि आयोग ने अपनी टेक्निकल टीम को इस समस्या को हल करने का निर्देश दिया है और मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।