अनिरुद्धाचार्य (सोर्स- सोशल मीडिया)
Aniruddhacharya on Samvidhan: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य संविधान पर दिए अपने एक बयान की वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने गीता को संविधान से ऊपर बताया है, जिससे विवाद खड़ा हो गया। यह पहली बार नहीं है जब वह विवादों के केंद्र में हैं। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप से लेकर बिस्कुट तक हर चीज़ पर ऐसे बयान दिए हैं जिनकी वजह से सोशल मीडिया और टीवी डिबेट में उनकी खूब आलोचना हुई है।
एक पॉडकास्ट में एंकर ने उनसे गीता और संविधान में से किसी एक को चुनने को कहा। उन्होंने तुरंत जवाब दिया ‘गीता’ कह दिया। वह यहीं नहीं रुके। उन्होंने संविधान की कमियां गिनानी शुरू कर दीं और उन लोगों की आलोचना की जो इसे मानते हैं। उन्होंने कहा, “हम गीता चुनते हैं लेकिन संविधान को मानते हैं; जो संविधान चुनते हैं वे उसे नहीं मानते।”
एक पत्रकार ने अनिरुद्धाचार्य से पूछा, “अगर हमें संविधान और गीता में से किसी एक को चुनना हो,” तो उन्होंने जवाब दिया, “हम गीता को चुनेंगे।” एंकर ने पूछा, “क्या हम संविधान नहीं चुनेंगे?” उनके जवाब ने एंकर को भी हैरान कर दिया।
उन्होंने कहा कि आप संविधान का क्या करेंगे? लोग चुने जाने के बाद भी इसे नहीं मानते। हम गीता, इसे मानते हैं। हम कहां किसी बहन या बेटी को गलत नजर से देखते हैं? हम कहां किसी से चोरी करते हैं? हम कहां भ्रष्टाचार करते हैं? और उन नेताओं का इतिहास देखो जो संविधान को मानते हैं। उनके बीच भ्रष्टाचार बहुत ज़्यादा है।
गीता या संविधान क्या बड़ा है, अनिरुद्धाचार्य ने बता दिया क्यों गीता महान है pic.twitter.com/R7oSzcr7ei — MEHR MEENA🐦 (@mehrRj11) September 25, 2025
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि नेता कानून को मानते हैं। वे भ्रष्टाचार क्यों करते हैं? आपको सभी नहीं मगर ज्यादातर तो सरकारी पदों पर भ्रष्टाचार के बारे में पता होगा। जब सरकारी दफ़्तरों में भ्रष्टाचार है, तो क्या उन्हें संविधान नहीं पता? अगर उन्हें संविधान पता है तो वे भ्रष्टाचार क्यों कर रहे हैं?
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हम संविधान नहीं जानते, हम गीता जानते हैं, इसलिए हम बेईमानी को पाप मानते हैं। करोड़ों रुपये पड़े होंगे लेकिन हम उसे नहीं देखेंगे क्योंकि गीता ने हमें सिखाया है कि बेईमानी एवं किसी और के धन पर नज़र डालना पाप है। जो लोग गीता पढ़ते हैं वे चींटी मारना भी पाप मानते हैं। संविधान में विश्वास करने वालों ने तो लोगों का गला भी काट दिया है।
अनिरुद्धाचार्य एक कथावाचक हैं। वे मध्य प्रदेश के दमोह जिले के रहने वाले हैं, लेकिन वृंदावन में गौरी गोपाल आश्रम चलाते हैं। वे अपनी कथा के दौरान “सवाल-जवाब” सेशन करते हैं, जहां भक्त उनसे सवाल पूछते हैं। वे लोगों की राय का मज़ाक उड़ाते हुए मज़ाक उड़ाते हैं, कभी-कभी तो आपत्तिजनक बातें भी करते हैं, जिससे अक्सर सोशल मीडिया पर हंगामा मच जाता है।