नवभारत डेस्क: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने न सिर्फ भारत के लोगों को धर्म के आधार पर बांटा बल्कि दूसरे धर्मों के अनुयायियों पर भी काफी अत्याचार किए। उन्होंने कहा कि आप रानी चेन्नम्मा की बहादुरी को नहीं भूल सकते, जिन्होंने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक के खिलाफ मराठा राजाओं के साथ मिलकर काम किया था। तमिल रानी वेलु नचियार को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजकल इस देश में कुछ लोग औरंगजेब को अपना आदर्श मानने लगे हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने भाषा के मुद्दे पर डीएमके पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा हिंदी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि सहयोग की भावना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाषा के नाम पर देश को बांटने की कोशिशें बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तमिल और हिंदी को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर भारत में नचियार के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास की सराहना की।राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं एक-दूसरे को मजबूत बनाती हैं।
नवभारत डेस्क: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने न सिर्फ भारत के लोगों को धर्म के आधार पर बांटा बल्कि दूसरे धर्मों के अनुयायियों पर भी काफी अत्याचार किए। उन्होंने कहा कि आप रानी चेन्नम्मा की बहादुरी को नहीं भूल सकते, जिन्होंने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक के खिलाफ मराठा राजाओं के साथ मिलकर काम किया था। तमिल रानी वेलु नचियार को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजकल इस देश में कुछ लोग औरंगजेब को अपना आदर्श मानने लगे हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने भाषा के मुद्दे पर डीएमके पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा हिंदी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि सहयोग की भावना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाषा के नाम पर देश को बांटने की कोशिशें बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तमिल और हिंदी को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर भारत में नचियार के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास की सराहना की।राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं एक-दूसरे को मजबूत बनाती हैं।